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प्रयागराज

नैनी सेंट्रल जेल: हाई सिक्योरिटी बैरक में बंद अतीक के बेटे अली अहमद के पास से कैश और प्रतिबंधित सामान बरामद, दो अधिकारी सस्पेंड

यूपी के नैनी सेंट्रल जेल की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। यहां हाई सिक्योरिटी सेल में बंद माफिया अतीक अहमद के बेटे अली अहमद की बैरक से नकद रकम और प्रतिबंधित सामान मिला। इस लापरवाही के चलते डिप्टी जेलर और वॉर्डन को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।

प्रयागराजJun 19, 2025 / 12:58 pm

Krishna Rai

Naini Central Jail: नैनी सेंट्रल जेल में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। हाई सिक्योरिटी सेल में बंद माफिया अतीक अहमद के बेटे अली अहमद की बैरक से नकद रकम और प्रतिबंधित सामान मिलने से हड़कंप मच गया है। जेल प्रशासन की इस लापरवाही के चलते डिप्टी जेलर शांति देवी और वॉर्डन संजय द्विवेदी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। दोनों अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं।
मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब मंगलवार देर शाम अली अहमद से मिलने एक वकील जेल पहुंचा। वकील ने जेब से निकालकर ₹1100 जेल वॉर्डन संजय द्विवेदी को दिए, जिसे उन्होंने सीसीटीवी कैमरे के सामने ही गिनकर अली को सौंप दिया। यह पूरी घटना लखनऊ स्थित जेल मुख्यालय में लाइव मॉनिटर हो रही थी।
मुख्यालय से सीसीटीवी फुटेज की पुष्टि होने के बाद डीजी जेल ने डीआईजी राजेश श्रीवास्तव को तुरंत जांच के लिए नैनी जेल भेजा। निरीक्षण के दौरान अली की बैरक से ₹1100 नगद बरामद किए गए, हालांकि जेल सूत्रों की मानें तो असल में करीब डेढ़ लाख रुपये अली के पास से मिले थे।
नियमों की अनदेखी, जेलर ने नहीं कराई थी चेकिंग

बताया जा रहा है कि यह घटना 16 जून की है, जब एक वकील अली से मिला और पैसे दिए। उस रात बैरक बंद होने से पहले जेलर अंजनी कुमार ने न तो बैरक की चेकिंग कराई और न ही संदेह जताया। अगले दिन जब CCTV फुटेज सामने आया, तब जाकर मामले की गंभीरता उजागर हुई।
Naini Central Jail
डिप्टी जेलर की रिटायरमेंट से पहले ही कार्रवाई

गौरतलब है कि डिप्टी जेलर शांति देवी 30 जून को रिटायर होने वाली हैं। लेकिन उससे पहले ही उनके खिलाफ कार्रवाई कर दी गई है। अली की बैरक की निगरानी की ज़िम्मेदारी उन्हीं के पास थी। वहीं, वॉर्डन संजय द्विवेदी पर भी नियमों की अनदेखी कर कैदी को कैश सौंपने का आरोप है।
जेल मैनुअल की अनदेखी की शिकायतें पहले भी

यह भी सामने आया है कि अली अहमद ने पूर्व में बैरक में टीवी लगाने की मांग की थी। इसके लिए उसने न्यायालय में अर्जी दाखिल करवाई थी, जिसे जेल मैनुअल का हवाला देकर खारिज कर दिया गया था। बावजूद इसके, अली को जेल के भीतर कई विशेष सुविधाएं मिलने की सूचनाएं पहले भी मिल चुकी हैं।
अतीक गैंग के 60 से अधिक सदस्य नैनी जेल में बंद

उल्लेखनीय है कि अली अहमद उमेश पाल हत्याकांड का आरोपी है और अतीक अहमद के गैंग आईएस-227 का सक्रिय सदस्य माना जाता है। हाल ही में पुलिस ने अली को इस गैंग का लीडर घोषित किया था। नैनी जेल में इस गैंग के 60 से अधिक सदस्य बंद हैं।
जांच जारी, जेल प्रशासन पर उठे सवाल

जेल प्रशासन की भूमिका इस पूरे मामले में सवालों के घेरे में है। वरिष्ठ जेल अधीक्षक रंग बहादुर पटेल ने कहा कि कैदी को नकद देना नियम के विरुद्ध है। जरूरत की सामग्री के लिए कूपन प्रणाली निर्धारित है, लेकिन अली को पैसे सीधे दिए गए, जो गंभीर लापरवाही है।
पूरे मामले की जांच अभी जारी है। सूत्रों का कहना है कि कई और अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है और जल्द ही और कार्रवाई हो सकती है।

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