सूत्रों के मुताबिक, अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ की कई बेनामी संपत्तियों की पहले ही पहचान की जा चुकी है। एयरपोर्ट थाना क्षेत्र के गौसपुर कटकुला और नैनी क्षेत्र की दो संपत्तियां पहले ही गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्क की जा चुकी हैं।
अब पुलिस का फोकस इस नेटवर्क की आर्थिक रीढ़ तोड़ने पर है। गठित टीम में अनुभवी और तेज-तर्रार पुलिसकर्मियों को शामिल किया गया है, जिन्हें अतीक के सक्रिय सहयोगियों की चल और अचल संपत्तियों की जांच की जिम्मेदारी दी गई है। विशेष रूप से उन संपत्तियों पर नजर है, जिन्हें अतीक के गुर्गों ने प्रॉपर्टी डीलिंग के माध्यम से बेनामी तरीके से खरीदा है।
जांच के दौरान एयरपोर्ट, करेली और पूरामुफ्ती इलाकों में कुछ ऐसी संपत्तियों का पता चला है, जिन पर कब्जे को लेकर अतीक गैंग के दो गुटों में टकराव की स्थिति बनी हुई है। इन संपत्तियों की वास्तविक स्थिति, स्वामित्व और बैंक लेनदेन से जुड़े दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह कार्रवाई केवल अतीक तक सीमित नहीं है, बल्कि अन्य माफिया और उनके नेटवर्क से जुड़े लोगों की भी बेनामी संपत्तियों की जांच की जा रही है। मकसद साफ है — अपराध की आर्थिक जड़ को काटकर गिरोह को पूरी तरह खत्म करना।