न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता के निजी सचिव गणेश प्रकाश ने पुलिस को जानकारी दी कि एक अज्ञात नंबर से विधायक शलभमणि त्रिपाठी को कॉल आई थी। कॉल करने वाले ने खुद को न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता बताते हुए यह कहा कि वे किसी आपात स्थिति में फंसे हुए हैं और उन्हें पैसों की आवश्यकता है। विधायक को इस पर शक हुआ और जांच में पाया गया कि जिस नंबर से कॉल की गई थी, वह न तो न्यायमूर्ति का था और न ही उनके किसी परिचित का।
पुलिस आयुक्त तरुण गाबा को शिकायत दी गई, और साइबर पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू की। जांच के दौरान पता चला कि गिरफ्तार आरोपियों पर यूपी, बिहार, दिल्ली, हरियाणा, मध्य प्रदेश सहित 15 राज्यों में कुल 1607 शिकायतें दर्ज हैं। इन साइबर अपराधियों के पास 52 बैंक खाते भी मिले हैं, जो उन्होंने ठगी के लिए इस्तेमाल किए थे। इसके अलावा, पुलिस ने इनके कब्जे से 52 मोबाइल फोन, 156 एटीएम कार्ड, 112 फर्जी सिम कार्ड, 52 पासबुक और एक डायरी भी बरामद की, जिसमें ठगी से जुड़े विवरण दर्ज थे।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में ये शामिल हैं 1. अशोक कुमार (निवासी ग्राम पोवारी, नालंदा, बिहार) 2. रोशन कुमार (निवासी ग्राम चकरसलपुर, नालंदा, बिहार) 3. जीवनराज (निवासी ग्राम रामचंद्रपुर, बिहारशरीफ, नालंदा, बिहार)
4. रोशन कुमार (निवासी ग्राम बरनामा, नवादा, बिहार) 5. श्रीनिवास कुमार (निवासी ग्राम दरूवारा बेलदारीपर, नालंदा, बिहार) 6. आकाश वर्मा (निवासी ग्राम वनभल्लियां, लखीमपुर खीरी, यूपी) इन आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने साइबर ठगी के खिलाफ अपनी मुहिम तेज कर दी है और इस गिरोह के अन्य सदस्य और ठगी के तरीके उजागर करने की कोशिश की जा रही है।