इन जिलों में ओलावृष्टि की संभावना
ओलावृष्टि के संभावित जिलों में सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, एटा, आगरा, फिरोजाबाद, बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, प्रयागराज, फतेहपुर और इनके आसपास के इलाके शामिल हैं। इसके अलावा, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, कन्नौज, कानपुर, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, मैनपुरी, इटावा, शाहजहांपुर, बदायूं, जालौन, महोबा, झांसी, ललितपुर जैसे जिलों में तेज हवाएं चलने की आशंका है।
ओलावृष्टि के संभावित जिलों में सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, एटा, आगरा, फिरोजाबाद, बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, प्रयागराज, फतेहपुर और इनके आसपास के इलाके शामिल हैं। इसके अलावा, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, कन्नौज, कानपुर, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, मैनपुरी, इटावा, शाहजहांपुर, बदायूं, जालौन, महोबा, झांसी, ललितपुर जैसे जिलों में तेज हवाएं चलने की आशंका है।
यहां वज्रपात की चेतावनी
मौसम विभाग ने 17 मार्च सोमवार तक बांदा, चित्रकूट, कौशांबी, फतेहपुर, बलरामपुर, श्रावस्ती, रायबरेली, उन्नाव और अन्य जिलों में वज्रपात की चेतावनी दी है। नागरिकों को इन खतरों से बचने के लिए सावधानी बरतने की सलाह दी गई है, खासकर खुले स्थानों पर जाने से बचने के लिए।
मौसम विभाग ने 17 मार्च सोमवार तक बांदा, चित्रकूट, कौशांबी, फतेहपुर, बलरामपुर, श्रावस्ती, रायबरेली, उन्नाव और अन्य जिलों में वज्रपात की चेतावनी दी है। नागरिकों को इन खतरों से बचने के लिए सावधानी बरतने की सलाह दी गई है, खासकर खुले स्थानों पर जाने से बचने के लिए।
मौसम विशेषज्ञ डॉ. अतुल कुमार सिंह के अनुसार, इस वर्ष मार्च के पहले पखवाड़े में वाराणसी, प्रयागराज, चुर्क (सोनभद्र), फुर्सतगंज (अमेठी) और लखनऊ में तापमान 1991 के बाद सबसे अधिक दर्ज किया गया है। यह बदलाव जलवायु परिवर्तन और शुष्क हवाओं का परिणाम है।
किसानों को भी तेज हवाओं और ओलावृष्टि के चलते अपने खेतों में पकी फसल को बचाने के लिए सतर्क रहने की सलाह दी गई है।