सर्वे पूरा, रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी जाएगी क्षेत्रीय प्रबंधक एम.के. त्रिवेदी के अनुसार, इन रूटों का चयन स्थानीय जनप्रतिनिधियों के फीडबैक के आधार पर किया गया है। रिपोर्ट अब प्रदेश मुख्यालय भेजी जा रही है। हरी झंडी मिलने के बाद संचालन शुरू होगा।
कमज़ोर पब्लिक ट्रांसपोर्ट वाले गांवों पर फोकस सर्वे के दौरान उन मार्गों को प्राथमिकता दी गई जहां सार्वजनिक परिवहन के साधन बेहद कम हैं। प्रयागराज जिले के न्यायीपुर, इमिलियन, सराय ममरेज, टोड़ी का पुरवा, लटकहाघाट जैसे ग्रामीण इलाकों को इस योजना में शामिल किया गया है। इन क्षेत्रों के लोगों को अब शहर आने-जाने के लिए निजी वाहनों या टेंपो पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।
रूट वितरण का ब्योरा प्रयागराज: 8 रूट मिर्जापुर, कौशांबी, प्रतापगढ़: कुल 12 रूट लक्ष्य – बेहतर ग्रामीण कनेक्टिविटी यह योजना न सिर्फ ग्रामीणों की सुविधा बढ़ाएगी, बल्कि शहरी संपर्क और आर्थिक गतिविधियों को भी गति देगी। रोडवेज का यह प्रयास “हर गांव से सीधा शहर” के विज़न को ज़मीन पर उतारने की दिशा में अहम माना जा रहा है।