Digital Crop Survey: खेत में जाकर करेंगे लॉगिन, ऐसे होगा सर्वे
पिछले बार की तरह इस बार भी निजी सर्वेयर को प्रतिदिन 30 से 50 खसरों का टास्क दिए जाएंगे। जिसे सर्वेयर खेत में जाकर लॉगिन करेंगे। उनसे तहसीलदार पूछेंगे क्या आप उपलब्ध है और हां में जवाब आएगा। वैसे ही ऐप में प्लॉट की स्थिति, खसरा नंबर, एरिया ऑनर का नाम अपने आप फीड हो जाएगा। जो क्रॉप लगी है उसका तीन फोटो लॉन्गिट्यूट लैटिट्यूट के साथ तीन फोटो अपलोड करना है। इस प्रकार एक नंबर का कार्य पूर्ण होगा। जिसमें पटवारी की भूमिका पर्यवेक्षक और राजस्व निरीक्षक की भूमिका सत्यापनकर्ता तथा तहसीलदार व नायब तहसीलदार की भूमिका जांचकर्ता अधिकारी के रूप में की जाएगी। सर्वेक्षकों द्वारा संपादित सभी खसरा आरआई के पास नहीं आएगा। सर्वेक्षकों द्वारा सर्वे किए गए खसरे पटवारी के पास आएंगे।
पटवारी इसे अनुमोदन करेगा या रिसेंड करेगा। पटवारी द्वारा दो बार रिजेक्ट होने की स्थिति में आरआई के आईडी में आएगा। ऐसे खसरों की संया बहुत कम होगी, जहां मौके में जाकर आवश्यकतानुसार सत्यापन किया जाएगा।
पिछली बार की तरह इस वर्ष करीब 14 हजार गांवों का डिजिटल क्रॉप सर्वे कराने का लक्ष्य रखा गया है। चूंकि अभी सर्वे में समय है, इसलिए प्लान बनाया जा रहा है। सर्वे के पहले सर्वेयरों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। – विनीत नंदनवार, सचिव, राजस्व विभाग