विधानसभा अध्यक्ष ने प्रश्नकाल शुरू करवाया तो विपक्ष के विधायक गर्भगृह में आकर नारेबाजी करने लगे। इससे कांग्रेस के 15 विधायक स्वयंमेव निलंबित हो गए। इसके बाद भी निलंबित विधायक गर्भगृह में नारेबाजी करते रहे। इसके चलते सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। इसके बाद विपक्ष के विधायक विधानसभा परिसर स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने बैठकर प्रदर्शन किया। विपक्ष के विधायकों ने सदन के पूरे दिन की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया था। इसके बाद अधिकांश विधायक पूर्व मुयमंत्री के भिलाई स्थित निवास भी पहुंचे।
प्रश्नकाल की शुरुआत में कुवर सिंह निषाद ने ईडी की कार्रवाई के मुद्दे को उठाया। इसके बाद विपक्ष के अन्य विधायक भी आक्रामक रूप से इसका विरोध जताया। विपक्ष के विधायकों का कहना था कि लखमा ने भ्रष्टाचार को लेकर प्रश्न लगाया, तो ईडी की टीम आ गई। भूपेश बघेल ने पीएम आवास को लेकर प्रश्न लगाया तो भी ईडी आ गई। इस पर भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा, ईडी की कार्रवाई विधानसभा का विषय नहीं है। यह राजनीतिक मंच नहीं है।
इस पर विपक्ष ने लोकतंत्र को दबाने का आरोप लगाया। विपक्ष का हंगामा देख विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सिंह ने कहा, प्रश्नकाल आपका है। इसमें करोड़ों रुपए खर्च होते हैं। प्रश्नकाल बाधित करेंगे, तो विधानसभा का क्या महत्व रह जाएगा। आपको शून्यकाल में बोलने का पर्याप्त अवसर दूंगा। इसके बाद भी विपक्ष के सदस्य नहीं माने और हंगामा होते रहा।
कांग्रेस विधायक दल आदिवासी विरोधी
भूपेश बघेल के घर में ईडी गई तो कांग्रेस ने सदन में इनता बड़ा हंगामा खड़ा कर दिया है। कवासी लखमा भी उसी प्रकरण में गए तो चुप बैठे थे। कांग्रेस विधायक दल आदिवासी विरोधी है। आज से संसद की कार्यवाही चालू है। कांग्रेस ने राज्यसभा के लापता तीनों सांसद के पास फैक्स कर देना चाहिए कि हमारे साथ ऐसा हो रहा है। यह विधानसभा का मामला नहीं है।
रायपुर के मास्टर प्लान को लेकर उठे सवाल
विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक राजेश मूणत ने रायपुर शहर के मास्टर प्लान का मुद्दा उठाया। उन्होंने पूछा कि इस मास्टर प्लान के खिलाफ जो शिकायतें सामने आई हैं, उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है। मंत्री ओपी चौधरी ने स्वीकार किया कि रायपुर के मास्टर प्लान के संबंध में शिकायतें प्राप्त हुई हैं।
इस मामले की जांच के लिए एक समिति गठित की गई है, जो इस शिकायतों की जांच कर रही है। मूणत ने कहा, शहर के कई आवासीय इलाकों को बिना किसी उचित प्रक्रिया के व्यावसायिक और शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए बदल दिया गया है। इस पर मंत्री चौधरी ने बताया कि इस तरह की शिकायतों की भी जांच की जा रही है।