इस दौरान मैंने प्रदेश के 33 जिलों का भ्रमण किया। गांवों में जन चौपाल लगाकर, लोगों से सीधा संवाद किया, उनकी समस्याओं को समझा और समाधान सुनिश्चित किया। जिला मुख्यालयों पर समीक्षा बैठक की। यह अनुभव मेरे जीवन की मूल्यवान थाती है।
हमारी सरकार का निरंतर प्रयास रहा है कि जनता को योजनाओं का पूरा लाभ मिले। हमारी नीतियां जमीन पर दिखे, यही करने की अपनी कोशिश रही है। सुशासन तिहार के दौरान मुझे शासन की योजनाओं के जमीनी क्रियान्वयन को देखने का अवसर मिला। जब मैंने स्वयं जाकर स्कूलों, अस्पतालों, आंगनबाड़ियों, राशन दुकानों, पीएम आवासों और निर्माणाधीन परियोजनाओं का निरीक्षण किया, तो स्पष्ट रूप से समझ आया कि हमारी नीतियां किस प्रकार लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रही है।
आमजन से प्राप्त अमूल्य सुझावों से हमें शासन को और अधिक उत्तरदायी, पारदर्शी और संवेदनशील बनाने की दिशा में आगे बढ़ने में सहायता मिलेगी। इस अभियान के दौरान हमने स्कूलों के युक्तियुक्तकरण जैसा महत्त्वपूर्ण निर्णय लिया जिनका असर आने वाले समय में प्रदेश के भविष्य पर सकारात्मक रूप से पड़ेगा।
यहीं नहीं, हमने शिक्षकों की चरणबद्ध भर्ती का भी निर्णय लिया है। प्रथम चरण में हम 5000 शिक्षकों की भर्ती करेंगे। यह यात्रा यहीं समाप्त नहीं होती। सुशासन तिहार के माध्यम से हम सरकार को जनता के द्वार तक लेकर गए, जिससे लोगों को यह विश्वास और अधिक दृढ़ हुआ है कि उनकी सरकार हमेशा प्रदेश के विकास और लोक कल्याण के कार्यों में अहर्निश जुटी रहेगी।