Catch Te Rain: केंद्र की टीम करेगी जमीनी सत्यापन
इस काम के लिए बालोद जिले का सम्मान करने की भी तैयारी है, लेकिन इससे पहले केंद्र की टीम कामों का जमीनी सत्यापन करेगी। असल में केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने जल संचय-जनभागीदारी अभियान शुरू किया है। इसका मकसद जिलों में पहले से बनी जल संरचनाओं को गहरा करना, उनमें से गाद निकालकर बाहर करना, उन्हें सरकारी रिकार्ड में दर्ज करना, नई जल संरचनाएं जैसे कुएं, तालाब, बावडिय़ां बनाना है। इसके अलावा बारिश के पानी को जमीन के अंदर डालने के लिए वॉटर हार्वेस्टिंग और सोखपिट गड्ढों का निर्माण कराना है। जल शक्ति मंत्रालय ने 1 अप्रैल 2024 से 31 मई 2025 तक सर्वाधिक काम करने वाले जिलों और प्रदेशों की रैकिंग जारी की है।
क्रिटिकल-सेमी क्रिटिकल श्रेणी में बालोद के 3 ब्लॉक
केंद्रीय भूमि जल बोर्ड भारत सरकार द्वारा तैयार की गई भू-जल सर्वेक्षण रिपोर्ट में प्रदेश के 146 में से 5 विकासखंड क्रिटिकल और 21 विकासखंड़ों को सेमी क्रिटिकल की श्रेणी में रखा गया है। 5 विकासखंडों में बालोद जिले के गुरूर विकासखंड का भी नाम शामिल है। इसके अलावा बेमेतरा जिले के नवागढ़, बेमेतरा, बेरला और रायपुर जिले का धरसींवा विकाखंड भी संकटकालीन (क्रिटिकल) स्थिति में है।
जिलों और विकाखंडों का हाल
रिपोर्ट के अनुसार 21 विकासखंड जिनमें बालोद जिले के बालोद, गुंडरदेही, बेमेतरा जिले के साजा, बिलासपुर जिले के तखतपुर, बेल्हा, धमतरी जिले के धमतरी और कुरूद तथा दुर्ग जिले के दुर्ग और धमधा गरियाबंद जिले के राजिम व फिंगेश्वर, कबीरधाम जिले के पंडरिया, कांकेर जिले के चारामा, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के खैरागढ़, महासमुंद जिले के बसना व पिथौरा, रायगढ़ जिले के पुसौर, राजनांदगांव जिले के राजनांदगांव, डोंगरगांव, डोंगरगढ़ और सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के बरमकेला तथा सुरजपुर जिले के सुरजपुर विकासखंड अर्धसंकटकालीन (सेमी क्रिटिकल) स्थिति में है। शेष 120 विकासखंड को रिपोर्ट में सुरक्षित माना गया है।
पीएम ने कहा था लोकमाता के कामों से प्रेरणा लेकर शुरू किया कैच द रैन अभियान
केंद्र व राज्य सरकार पानी सहेजने के लिए अलग-अलग मोर्चे पर काम कर रही है। 31 मई को भोपाल के जंबूरी मैदान से पीएम नरेंद्र मोदी ने लोकमाता देवी अहिल्या बाई होल्कर के जल संरक्षण के प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा कि वह दूरदर्शी शासिका थीं, उन्होंने जल सहेजने के लिए अनेक तालाब व जल संरचनाओं का निर्माण कराया। उन्हीं से प्रेरणा लेकर कैच द रैन अभियान चला रहे हैं, ताकि पानी की एक-एक बूंदों को सहेज सकें।
देश के टॉप-10 जिले, जिन्होंने सर्वाधिक काम किया
प्रदेश- जिला- पूरे किए काम- चल रहे काम- कुल काम मध्यप्रदेश- खंडवा- 129003- 38- 129041 राजस्थान- भीलवाड़ा- 104940- 3447- 108387 छत्तीसगढ़- बालोद- 92742- 8575- 101317 तेलंगाना- आदिलाबाद- 98634- 1874- 100508 राजस्थान- बाड़मेर- 79055- 12477- 91532 तेलंगाना- मानचेरियाल- 84526- 3203- 87729 तेलंगाना- नालगोंडा- 84715- 2621- 87336 तेलंगाना- वारांगल- 72634- 3208- 75842 तेलंगाना- निर्मल- 60352- 9051- 69403
गुजरात- सूरत- 56750- 10438- 67188
फैक्ट फाइल-टॉप-5 राज्य
राज्य कार्य पूर्ण निर्माणाधीन तेलंगाना 520006 561114 छत्तीसगढ़ 405535 436871 राजस्थान 364961 416072 मध्य प्रदेश 276603 308472 उत्तर प्रदेश 141046 167301