पुलिस के मुताबिक,
अंबिकापुर निवासी अंजना गहिरवार के रिश्तेदार देवेंद्र जोशी रायपुर में राजेंद्र नगर में रहते हैं। वर्ष 2022 में वह उनके घर घूमने आई थी। इस दौरान देवेंद्र ने उन्हें बताया कि मंत्रालय के कई अफसरों से उनकी जान-पहचान है। वह उसकी फूड इंस्पेक्टर की नौकरी लगवा देगा। इसके लिए 25 लाख रुपए लगेंगे। सरकारी नौकरी के चक्कर में पीड़िता राजी हो गई।
वह फूड इंस्पेक्टर की भर्ती परीक्षा में शामिल हुई। इसमें उनका कम नंबर आया। इसकी जानकारी उन्होंने देवेंद्र को दी। देवेंद्र ने आश्वासन दिया कि रिजल्ट के संशोधित सूची में उनका नाम जोड़ दिया जाएगा। इसके बाद उसने खाद्य विभाग की फर्जी संशोधित सूची और कॉल लेटर उसे दे दिया। इसके बाद अलग-अलग दिन उनसे पूरे 25 लाख रुपए ले लिए। पीड़िता जब ज्वॉइनिंग के लिए मंत्रालय पहुंची, तो उन्हें बताया कि लेटर फर्जी है। इसके बाद उन्होंने देवेंद्र और उनकी पत्नी संगीता से अपने पैसे वापस मांगे, तो आरोपी धमकी देने लगे। इसकी शिकायत पर पर सिविल लाइन पुलिस ने आरोपी देवेंद्र और उसकी पत्नी संगीता के खिलाफ धोखाधड़ी और कूटरचना का मामला दर्ज किया है।
दो गाड़ियां बेचीं, लोन भी लिया
अंजना ने नौकरी के लिए देवेंद्र को पैसे देने के लिए लोन लिया। इसके बाद उनकी मां ने अपने नाम की दो चौपहिया वाहनों को भी बेच दिया। इस तरह 25 लाख रुपए की व्यवस्था की थी।
कई लोगों से लिया पैसा
बताया जाता है कि आरोपी देवेंद्र और उनकी पत्नी ने कई लोगों से नौकरी लगाने के नाम पर पैसा लिया है। अंजना के अलावा कुणाल देव, भुनेश्वर सोनवानी, गजेन्द्र लहरे से भी
सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर पैसा लिया है। भुनेश्वर को पटवारी की नौकरी लगाने का झांसा दिया था। उनसे भी 25 लाख रुपए लिए गए थे। फिलहाल पुलिस ने पति-पत्नी के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है।
लालच के चलते फंस रहे युवा
सरकारी नौकरी के झांसे में हर साल कई युवक-युवतियां धोखाधड़ी के शिकार होते हैं। इसकी बड़ी वजह लालच है। सरकारी संस्थानों में भर्ती नियम-शर्तों के अनुसार ही होती है। इसका कोई शार्टकट तरीका नहीं होता है। इसके बाद भी युवा ठगों और बिचौलियों के झांसे में आकर धोखाधड़ी के शिकार हो रहे हैँ।