CG Drama: कॉमेडी का डबल डोज बना ‘तिल का ताड़’, इन पंच लाइनें ने लूटी वाहवाही…
CG Drama: रायपुर शनिवार की शाम पूरी तरह नाट्य प्रेमियों के नाम रही। के गांधी मैदान स्थित रंगमंदिर में जब रात 7.40 बजे अग्रगामी नाट्य समिति की प्रस्तुति ‘तिल का ताड़’ शुरू हुई, तो दर्शकों को नहीं पता था कि उन्हें सिर्फ हंसी नहीं, गहरी सोच का सामान भी मिलेगा।
छत्तीसगढ़ के रायपुर शनिवार की शाम पूरी तरह नाट्य प्रेमियों के नाम रही। के गांधी मैदान स्थित रंगमंदिर में जब रात 7.40 बजे अग्रगामी नाट्य समिति की प्रस्तुति ‘तिल का ताड़’ शुरू हुई, तो दर्शकों को नहीं पता था कि उन्हें सिर्फ हंसी नहीं, गहरी सोच का सामान भी मिलेगा। लगभग डेढ़ घंटे तक चले इस मंचन ने दर्शकों को हंसी से लोटपोट किया, तो कहीं अंदर से सोचने पर भी मजबूर कर दिया।
2/5
निर्देशक स्व. जलील रिजवी के रचनात्मक निर्देशन ने इस हास्य-प्रधान नाटक को एक ऐसे मंचीय अनुभव में बदल दिया, जहां संवाद, अभिनय और व्यंग्य तीनों ने दर्शकों की चेतना को झिंझोड़ा। शंकर शेष लिखित नाटक कहीं शराफत पर कटाक्ष था, तो कहीं रिश्तों में फैली सामाजिक बनावट की पोल।
3/5
‘तिल का ताड़’ ने दिखाया कि कैसे एक मामूली झूठ, जब समाज की सोच और व्यवस्था से टकराता है, तो हास्य के लिबास में गंभीर व्यंग्य कैसे जन्म लेता है।
4/5
नाटक का केंद्रीय पात्र प्राणनाथ जिसे सिर्फ इसलिए किराए का मकान नहीं मिल पा रहा, क्योंकि वह अविवाहित है। मजबूरी में विवाहित होने का झूठ बोलने से जो गड़बड़ियां अफवाहें और हास्यास्पद घटनाएं घटती हैं वही इस नाटक की आत्मा है। प्राणनाथ के माध्यम से समाज के उस ताने-बाने को दिखाया गया है, जो व्यक्ति की स्थिति से ज्यादा उसके ‘स्टेटस’ को देखता है।
5/5
‘तिल का ताड़’ ने यह साबित किया कि हास्य केवल मनोरंजन नहीं सोच और सुधार का माध्यम भी बन सकता है। ठहाकों की परतों में लिपटी सामाजिक कटुता और पात्रों की उलझनें दर्शकों को हंसाती भी रहीं और झकझोरती भी।