CG Election: पूरी तरह बदल सकते हैं राजनीतिक समीकरण
अध्यक्ष बनने की राह में अब आरक्षण किसके लिए फायदेमंद होगा और किसे राजनीतिक नुकसान उठाना पड़ेगा, ये जानने के लिए अब सभी की निगाहें 7 जनवरी को होने वाले आरक्षण पर टिकी हैं। आरक्षण के बाद ही साफ होगा कि बलौदाबाजार में पालिका अध्यक्ष बनने के लिए किस वर्ग के प्रत्याशी को मौका मिलेगा। बता दें कि बलौदाबाजार के पालिका चुनाव में राजनीतिक ट्रेंड लगातार बदलता रहा है। मौजूदा पालिका अध्यक्ष भाजपा से हैं। इनसे पहले कांग्रेस और निर्दलीय उम्मीदवार भी अध्यक्ष पद पर काबिज रहे हैं। ऐसे में
पालिका अध्यक्ष पद के आरक्षण से बने-बनाए राजनीतिक समीकरण भी पूरी तरह बदल सकते हैं।
19 दिसंबर को हुए वार्डों के आरक्षण के बाद कई कद्दावर नेता अपने ही वार्ड में चुनाव लड़ने से अयोग्य हो गए हैं। इस स्थिति को देखते हुए अब कई मौजूदा पार्षद अन्य वार्डों में अपनी जगह तलाश रहे हैं। इसी तरह पालिका अध्यक्ष पद का आरक्षण भी कई दावेदारों के राजनीतिक भविष्य का फैसला करेगा। अगर आरक्षण उनके पक्ष में नहीं आता है, तो वे अन्य वार्डों से चुनाव लड़ने की योजना बना सकते हैं।
7 जनवरी को होने वाले आरक्षण पर निगाहें
CG Election: बलौदाबाजार में पालिका अध्यक्ष के लिए
आरक्षण की प्रक्रिया इस बार खास मायने रखती है। दरअसल, पिछले दो चुनावों से अध्यक्ष पद पुरुष वर्ग के लिए आरक्षित होते रहा है। इस बार संभावना जताई जा रही है कि अध्यक्ष का पद महिला के लिए आरक्षित हो सकता है। अगर ऐसा होता है, तो यह महिला उम्मीदवारों के लिए बड़ी राजनीतिक लॉटरी साबित हो सकती है।
वहीं, आरक्षण का अन्य उम्मीदवारों के अनुकूल न होना कई नेताओं के राजनीतिक भविष्य खराब भी कर सकता है। इन सबके बीच शहर में अध्यक्ष के नामों पर चर्चाएं तेज हो गई हैं। दोनों प्रमुख दलों भाजपा और कांग्रेस के बीच यहां कड़ी टक्कर है। आरक्षण भी इनके दाव-पेंच को कई तरीके से प्रभावित करेगा। ऐसे में दलों के बडे नेता भी 7 जनवरी को होने वाले आरक्षण पर निगाहें जमाए बैठे हैं।