CG Medical college: प्रोफेसर पद में पांच साल का अनुभव जरूरी
15 फीसदी डायरेक्टर प्रोफेसर के पद होने चाहिए। इस हिसाब से संख्या बढ़ाए जाने की जरूरत है। इससे प्रोफेसरों को डायरेक्टर प्रोफेसर बनने का मौका मिलेगा। मेडिकल कॉलेजों में कंसल्टेंट डॉक्टरों में असिस्टेंट प्रोफेसर, एसो. प्रोफेसर, प्रोफेसर व डायरेक्टर प्रोफेसर का पद होता है। डायरेक्टर प्रोफेसर का प्रमोशन कर मेडिकल सुप्रीटेंडेंट या डीन बनाया जाता है। हालांकि प्रदेश में पिछले 24 साल से किसी भी अस्पताल में नियमित अधीक्षक नहीं बनाया गया है। नियमित डीन बनाया गया है। इसलिए पदों की संख्या बढ़ाने की जरूरत महसूस की जा रही है। 2023 में मेडिकल टीचर एसोसिएशन ने तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री से मिलकर ये पद बढ़ाने की मांग की थी, ताकि उन्हें प्रमोशन पाने का मौका मिले। डीन या अधीक्षक बनने के लिए प्रोफेसर पद में पांच साल का अनुभव जरूरी है।
कमेटी डॉक्टरों का प्रमोशन
CG Medical college:
चिकित्सा शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारियों के अनुसार अभी फैकल्टी को प्रमोशन करने का समय आ गया है। आचार संहिता हटने के बाद पीएससी में डीपीसी कराई जा सकती है। चूंकि ये फैकल्टी पीएससी से चुने जाते हैं, इसलिए इनका प्रमोशन भी पीएससी से होता है। चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से प्रस्ताव बनाकर भेजा जाता है। इसके बाद एक कमेटी डॉक्टरों का प्रमोशन करती है।
पिछले तीन साल से किसी भी फैकल्टी का प्रमोशन नहीं हुआ है। वर्ष 2022, 2023 व 2024 में पीएससी से रेगुलर भर्ती भी नहीं हुई है। जब फैकल्टी का प्रमोशन किया जाएगा, तब असिस्टेंट प्रोफेसरों के पद खाली होंगे। ऐसे में नई भर्ती की जा सकती है।