इस संबंध में मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने सभी कलेक्टर और शासन के विभागों को आदेश किया है। जिसमें कहा गया है कि प्रशासनिक कार्य संपादन में गति लाने, उन्नत कार्यकुशलता एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए डिजिटल पत्राचार किया जाना है। इसलिए शासन ने शासकीय सेवकों के कार्य संपादन में गति लाने, उन्नत कार्यकुशलता एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए निर्णय लिया है।
CG News: पत्राचार शासकीय ईमेल के माध्यम से किया जा सकेगा…
जारी आदेश में कहा गया है कि मंत्रालय के सभी विभागों में अंतरविभागीय पत्राचार और नोटशीट केवल ई ऑफिस फाइल या रिसीप्ट के माध्यम से भेजा जाए। मंत्रालय के अलावा अन्य विभागाध्यक्ष, संभागीय, जिला कार्यालय या शासकीय संस्था के द्वारा मंत्रालय के किसी भी विभाग को पत्राचार केवल ई-ऑफिस फाइल, रिसीप्ट से किया जाए। ई-ऑफिस में ऑनबोर्डिंग नहीं होने की दशा में पत्राचार शासकीय ईमेल के माध्यम से किया जा सकेगा। अर्द्धशासकीय पत्र अथवा ऐसे वैधानिक दस्तावेज जिसमें मूल प्रति की आवश्यकता हो, हार्डकॉपी के रूप में भेजे जा सकेंगे। कामकाज में बनी रहेगी पारदर्शिता
ई-ऑफिस सिस्टम संचालनालय में भी होगा लागू: जानकारी के अनुसार शासन ने मंत्रालय में ई-आफिस सिस्टम लागू के करने के बाद अब मंत्रालय में इसे लागू करने की योजना बनाई है, क्योंकि संचालनालय से मंत्रालय के अधिकारियों तक फाइलें रोज आती-जाती हैं। ऐसे में दोनों विभाग में ई-ऑफिस सिस्टम लागू होने से कामकाज में और गति आएगी साथ ही कामकाज में पारदर्शिता बनी रहेगी। और फाइलें रुकने की शिकायतें भी लोगों की नहीं रहेगी।
पुरानी फाइलों के स्कैन में हो रहा विलंब
CG News: बताया जाता है कि
मंत्रालय में ई-ऑफिस सिस्टम सभी विभागों में लागू है। सभी विभागों के अधिकारी-कर्मचारी इस सिस्टम से अपना दैनिक कामकाज कर रहे हैं। वहीं, नई फाइलें तो ई-आफिस से करने में कोई परेशानी नहीं हो रही है। लेकिन यदि किसी पुरानी फाइलों को ई-ऑफिस के जरिए अधिकारी तक पहुंचाना होता है, तो सेक्शन के अधिकारी और कर्मचारियों को भारी परेशानी होती है। क्योंकि पुरानी फाइलें इतनी ज्यादा मोटी होती है कि उसे स्कैन कर ई-आफिस में अपलोड करने में बहुत ज्यादा समय लगता है।