CG News: पूछताछ के लिए 14 तक लिया रिमांड पर
उनहोंने गिरफ्तारी से बचने के लिए जमानत के लिए आवेदन लगाया था। लेकिन सीबीआई ने न्यायाधीश को बताया कि रिश्वतखोरी के प्रकरण में तेलीबांधा में वाहन चालक विनय राय और सेंट्रल जीएसटी दफ्तर से सीजीएसटी के अधीक्षक भरत सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। लेकिन, सूत्रधार अनिल गुप्ता उर्फ मिश्रा विधानसभा मार्ग स्थित सफायर ग्रीन निवासी फरार हो गया था। पिछले काफी समय से उसकी तलाश चल रही थी।
रिश्वतखोरी के प्रकरण की जांच करने के लिए 5 दिन की रिमांड पर दिए जाने का आवेदन लगाया। बचाव पक्ष ने जमानत दिए जाने का अनुरोध करते हुए अपने पक्षकार द्वारा सरेंडर करने का हवाला दिया। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद जमानत का आवेदन निरस्त कर दिया।
यह है मामला
सेंट्रल जीएसटी की टीम ने 28-29 जनवरी 2025 को दुर्ग के स्टेशन रोड स्थित मेसर्स वर्ल्ड ऑफ ब्यूटी में छापा मारा था। तलाशी के दौरान गड़बडी़ पकडे़ जाने पर संचालक लालचंद अठवानी से 34 लाख रुपए की डिमांड की गई। इस दौरान अनिल गुप्ता ने स्वयं को जीएसटी अधिकारी बताकर कर पूरा मामला 5 लाख में सेट कराने का आश्वासन दिया। इसकी सूचना मिलने पर
सीबीआई की टीम ने 31 जनवरी 2025 की शाम वीआईपी रोड स्थित करेंसी टावर के पास 5 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए कार चालक विनय राय को गिरफ्तार किया था। उससे मिली जानकारी के आधार पर सीबीआई की टीम ने सीजीएसटी के दफ्तर में दबिश दी गई थी। वहीं, प्रकरण में मध्यस्थता करने वाले फरार आरोपी की तलाश चल रही थी।
रिश्वतखोरी में भूमिका
सीबीआई की टीम ने रिश्वतखोरी के प्रकरण की जांच करने दुर्ग के कास्टमेटिक कारोबारी के ठिकानों से बरामद किए गए दस्तावेजों और फाइलों को जब्त किया था। वहीं, रिश्वत लेते हुए पकड़े गए विनय और भरत सिंह से पूछताछ करने 5 दिन की रिमांड पर लिया था। इस दौरान दोनों का बयान और वाइस सैंपल और रिश्वत के लेनदेन में मध्यस्थता निभाने वाले के संबंध में पूछताछ की गई।
जहां पता चला कि वह पिछले काफी समय से
कारोबारियों को जीएसटी अधिकारी बताकर ठगी कर रहा था। मिले इनपुट के आधार पर कोलकाता स्थित लोकेशन को ट्रेस कर टीम को भेजा गया था। लेकिन इनकी भनक मिलते ही वह फरार हो गया था।