CG News: न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजने का फैसला
दूसरी ओर, पुलिस ने इसी मामले में केके के सहयोगी आशीष शिंदे को सह आरोपी मानते हुए जेल भेज दिया। आशीष को पुलिस ने गिरफ्तार कर तीन दिन की रिमांड पर लिया था। शुक्रवार को उसे
कोर्ट में पेश किया जाना था। इससे पहले ही उसकी तबीयत बिगड़ गई। फिर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई। इसके बाद कोर्ट ने उसे 18 जुलाई तक न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजने का फैसला सुनाया। देर रात तक उसे अस्पताल में भर्ती रखा गया। इसी मामले में शामिल रेलवे कर्मी गोपाल कश्यप को भी पुलिस ने बयान लेकर छोड़ दिया।
नरेंद्र मिश्रा, टीआई, तेलीबांधा: आरोपी कंचन से पूछताछ की गई। अभी उसकी गिरतारी नहीं की गई है। लेन-देन से जुड़े खातों की जांच चल रही है।
ठेका दिलाने के नाम पर 15 करोड़ की ठगी
केके श्रीवास्तव और आशीष शिंदे: केके और उसके सहयोगियों ने अर्जुन रावत से नवा रायपुर में स्मार्ट सिटी के तहत ठेका दिलाने के नाम पर 15 करोड़ की ठगी की। इसकी शिकायत पर तेलीबांधा थाने में अपराध दर्ज किया गया। इसके बाद पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम करीब 10 माह तक केके, कंचन और आशीष की तलाश करती रही। अचानक केके पकड़ लिया। बताया जाता है कि उस समय कंचन और आशीष भी था, लेकिन दोनों को छोड़ दिया गया। बाद में केवल आशीष को हिरासत में लिया गया और जेल भेज दिया। शुक्रवार को उसके कई आपराधिक पृष्ठभूमि के समर्थक थाने और कोर्ट के आसपास चक्कर लगाते रहे। इनमें से कुछ लोगों को पुलिस ने पकड़ा। फिर देर शाम छोड़ दिया। कई लोगों के पुराने मामले खंगाले जा रहे हैं।
नेपाल गया, 60 लाख का ट्रांजेक्शन
CG News: तेलीबांधा थाने में केके और उसके बेटे कंचन के खिलाफ
धोखाधड़ी, साजिश व अन्य धाराओं में मामला दर्ज हुआ। इसके बाद बाप-बेटे फरार हो गए। दोनों को आशीष अपनी सुरक्षा में ही ले गया। फरारी के दौरान कंचन नेपाल भी गया। इस दौरान उसके बैंक खातों में करीब 60 लाख रुपए का ट्रांजेक्शन मिला है।
दूसरी ओर पुलिस ने डिजिटल ऑडिट के जरिए 441 करोड़ रुपए की अवैध कमाई का खुलासा किया। दोनों ही मामलों में आरोपी कंचन की अहम भूमिका थी। इसके बावजूद पुलिस ने उसे गिरफ्तार नहीं किया। जेल में बंद केके से कई बार कंचन मिलने भी गया है। यही स्थिति रेलवे कर्मी गोपाल के साथ भी है। उसे भी पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया है।