लेकिन रात 1 से 2 बजे के बीच एसीआई (एडवास्ड कॉर्डियक इंस्टिट्यूट ) की टीम व गायनेकोलॉजी विभाग के डॉक्टरों ने इस जटिल केस को सुलझा लिया।
अक्षय तृतीया पर बने इस संयोग के कारण परिजनों ने राहत की सांस ली है।
CG News: प्लेसेंटा प्रिविया से ग्रसित थी महिला
एसीआई के कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. स्मित श्रीवास्तव ने बताया कि 40 वर्षीय मरीज को हाई रिस्क प्रेग्नेंसी थी। प्लेसेंटा प्रिविया (प्लेसेंटा द्वारा गर्भाशय ग्रीवा को अवरुद्ध करने से होने वाला गंभीर रक्तस्त्राव) की समस्या के साथ छाती के दाहिने हिस्से में बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था। हाई रिस्क प्रेग्नेंसी और पीवी ब्लीडिंग के साथ मरीज एनीमिक थी। उसका हीमोग्लोबिन 6 से 7 ग्राम के आस-पास था। मरीज के पहले दो अर्बाशन हो चुके थे। यह उनकी तीसरी प्रेग्नेंसी थी। मरीज इसके साथ ही इनफर्टिलिटी का उपचार भी ले रही थी। मरीज का इससे पूर्व अपेंडेक्टोमी हुआ था।
100 फीसदी ब्लाॅकेज का केस
डॉक्टरों ने बताया कि मंगलवार की दरम्यानी रात करीब 1 से 2 बजे के बीच आंबेडकर अस्पताल स्थित स्त्री एवं प्रसूति विभाग में रेफर में एक गर्भवती को निजी अस्पताल से रेफर किया गया। उसकी छाती में भयंकर दर्द था। जहां से केस को कार्डियोलॉजी विभाग में ट्रांसफर किया गया।
वहां पर एसीआई के कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. स्मित श्रीवास्तव, गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. रूचि किशोर गुप्ता के निर्देशन एवं संयुक्त सहयोग से कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. एस. के. शर्मा एवं डॉ. कुणाल ओस्तवाल के साथ अन्य डॉक्टरों की टीम ने इमरजेंसी एंजियोप्लास्टी कर मरीज के साथ-साथ गर्भ में पल रहे शिशु की जान बचाई। मरीज के हृदय की मुख्य नस लेफ्ट एंटीरियर डिसेंडिंग आर्टरी में 100 प्रतिशत ब्लॉकेज थी।
इन डॉक्टरों ने किया ऑ़परेशन
CG News:
कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ. एस. के. शर्मा व डॉ. कुणाल ओस्तवाल, डॉ. प्रतीक गुप्ता, डॉ. रजत पांडे, स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की यूनिट इंचार्ज डॉ. रूचि किशोर गुप्ता के निर्देशन में डॉ. निशा वट्टी, डॉ. सौम्या, एनेस्थेटिस्ट डॉ. शालू, स्टॉफ नर्स डिगेन्द्र एवं मुक्ता उपचार करने वाले टीम में शामिल रहे।