CG Scam List: विधानसभा में उठा मामला
यह जानकारी विधानसभा में गत दिनों मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अतारांकित प्रश्न के जवाब में लिखित में दिए हैं। विधायक मूणत ने पूछा था कि वर्ष 2019 से 16 दिसंबर 2024 तक कुल 27 आईएएस तथा 24 आईएफएस के खिलाफ कुल 31 शिकायतें पंजीबद्ध है। इनकी जांच किस स्तर के अधिकारी कर रहे हैं? जांच शीघ्र पूरी करने के क्या निर्देश जारी किए गए हैं?2024 में 65 अधिकारियों और कर्मचारियों को पकड़ा
ईओडब्ल्यू और एंन्टीकरप्शन विभाग ने वर्ष 2024 में कार्रवाई करते हुए करीब 65 अधिकारियों और कर्मचारियों को पकड़ा। इसमें सेवानिवृत आईएएस, आईएएस, केंद्रीय, राज्य सेवा के अधिकारी से लेकर पुलिस और राजस्व विभाग के अधिकारी शामिल हैं। उक्त सभी लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी, आय से अधिक संपत्ति, कोल स्कैम और शराब घोटाले में एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार किया गया। यह भी पढ़ें
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शिकायत मिलने पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत जुर्म दर्ज कर जांच के बाद जेल भेजा गया। वहीं, प्रकरणोँ की जांच चल रही है। शिकायत मिलने पर एसीबी एवं ईओडब्ल्यू की टीम ने वेरिफिकेशन के बाद कार्रवाई की। बता दें कि एसीबी द्वारा इस साल राजस्व विभाग के साथ ही स्कूल शिक्षा विभाग के 14, नगरीय प्रशासन के 6 और कर्मचारी स्वास्थ्य विभाग के 8 लोगों को पकड़ा। हालांकि कुछ सेवानिवृत अफसर इस समय जमानत पर है।कोल स्कैम में भूमिका!
निलंबित आईएएस समीर विश्वोई को खनिज विभाग पीट पास और परिवहन पास जारी कर वसूली करने के आरोप में जेल भेजा गया है। 570 करोड़ रुपए के स्कैम में समीर की महत्वपूर्ण भूमिका बताई गई है। वहीं, अवैध वसूली के जरिए ही आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की जांच चल रही है।
शराब घोटाले में जेल
ईओडब्ल्यू एवं एसीबी ने प्रदेश में हुए 2161 करोड़ के शराब घोटाले में सेवानिवृत आईएएस अनिल टुटेजा के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है। ईडी द्वारा इस प्रकरण में पहले ही गिरप्तार कर जेल भेज चुकी है। इस घोटाले में टुटेजा को शराब घोटाले से मिलने वाली रकम से लाभांवित होने बताया गया है। साथ ही सिंडीकेट का प्रमुख आरोपी बताया गया है।
कस्टम मिलिंग घोटाला
मार्कफेड के एमडी एवं (केंद्रीय सेवा के अधिकारी) मनोज सोनी को जेल भेजा गया है। आरोप है कि कस्टम मिलिंग के एवज में 20 रुपए प्रति क्विंटल की राइस मिलरों से वसूली होती थी। जमा रकम पर मिलरों को बिल का भुगतान किया जाता था।
आबकारी घोटाला
राज्य सेवा के अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी को जेल भेजा गया है। जांच में शराब डिस्टलरी व कंपनियों से वसूली करने और अवैध तरीके से शराब दुकानों तक लेबलिंग की गई। शराब वितरण व वसूली की रकम से लाभांवित होने का आरोप है।
रिश्वत लेते पकड़ी गई
ईओडब्ल्यू एवं एसीबी की संयुक्त टीम ने 20 हजार की रिश्वत लेते हुए रायपुर के महिला थाने की टीआई वेदवती दरियो को रंगे हाथों पकड़ा था। उसने दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज करने के एवज में 50 हजार की रिश्वत मांगी थी। सौदा तय 20 हजार में तय होने पर रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था।ज्वॉइंट डायरेक्टर गिरफ्तार
एसीबी ने मत्स्य विभाग के संयुक्त संचालक देव कुमार सिंह को 1 लाख की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। आरोपी अधिकारी ने मछली पालन लाइसेंस के लिए मदद देने के बदले रिश्वत मांगी थी। यह कार्रवाई नई राजधानी स्थित मत्स्य विभाग के दफ्तर में की गई थी।अवैध वसूली में भूमिका
राज्य सेवा की निलंबित अधिकारी सौम्या चौरसिया को कोल स्कैम में जेल भेजा है। हालांकि आय से अधिक संपत्ति मामले में जमानत मिली है। उक्त अधिकारी को पूर्ववर्ती सीएम के काफी करीब और दंबग माना जाता था। अपनी रसूख के चलते कोयला घोटाले के जरिए अवैध वसूली करने वालों को संरक्षण देने और हिस्सा पहुंचाने के आरोप में जेल भेजा गया है।
डीएमएफ व कोयला घोटाला
ईओडब्ल्यू ने निलंबित आईएएस रानू साहू के खिलाफ आय से अधिक और कोयला घोटाले में एफआईआर दर्ज किया है। ईडी द्वारा कोयला घोटाले में जेल भेजे जाने के बाद ईओडब्ल्यू भी जांच कर रही है। इस प्रकरण में कोल परिवहन में कोल व्यापारियों से वसूली करने के लिए ऑनलाइन मिलने वाले परमिट को ऑफलाइन करने का आरोप है। इसके जरिए 25 रुपए प्रति टन के हिसाब से अवैध वसूली में रानू साहू सहित अन्य आरोपी जेल भेज गए है। वहीं डीएमएफ घोटाले की जांच चल रही है।
आरोपियों को संरक्षण देने का आरोप
एसीबी/ईओडब्ल्यू ने पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, आलोक शुक्ला और पूर्व महाधिवक्ता सतीशचंद्र वर्मा के खिलाफ अपराध दर्ज किया है। यह एफआईआर उक्त तीनों के वाट्सएप चैट के आधार पर दर्ज की गई है। ईडी के प्रतिवेदन के आधार पर ईओडब्ल्यू ने नागरिक आपूर्ति निगम (नान) में बड़ी गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए अपराध दर्ज किया है। इसमें पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय सतीशचंद्र वर्मा समेत दोनों सेवानिवृत आईएएस अधिकारियों पर पद का दुरुपयोग करते हुए बड़ी गड़बड़ी करने का आरोप हैं। ईओडब्ल्यू की एफआईआर में बताया गया कि साल 2019-20 में हाईकोर्ट में दूषित तरीके से अग्रिम जमानत भी हासिल की गई है, जिसका वाट्सऐप चैट समेत कई सबूत ईओडब्ल्यू के हाथों लग चुका है। पूर्व महाधिवक्ता सतीषचंद्र वर्मा को सुप्रीम कोर्ट से 28 फरवरी तक राहत दी गई। आलोक शुक्ला की भूमिका की जांच चल रही है।