CGPSC Scam: पुलिस ने दर्ज नहीं की एफआईआर
उसकी शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं किया, बल्कि उसे ही और उनकी पत्नी को आरोपी बनाकर जेल भेज दिया। आरोपी स्वप्निल ने देवेंद्र से उनकी बेटी को गुढ़ियारी सीएसपीडीसीएल में नौकरी लगाने के नाम पर 7 लाख रुपए लिया था। गारंटी के लिए स्वप्निल ने 5 लाख रुपए का चेक भी देवेंद्र को दिया था। उनकी बेटी की नौकरी नहीं लगने पर इसकी शिकायत सिविल लाइन थाने में की थी। शिकायत में देवेंद्र ने अपने अन्य रिश्तेदारों को भी ठगी होने की जानकारी दी थी। इस शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। खुद पीड़ित गया जेल
पूरे मामले में देवेंद्र खुद पीड़ित है। उसने सिविल लाइन थाने में स्वप्निल के खिलाफ अपनी बेटी से ठगी सहित 8 और युवक-युवतियों से सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर 25-25 लाख रुपए लेने की शिकायत की थी। इस शिकायत सूची में एक पीड़ित के रूप में अंजना गहिरवार भी शामिल थी। फिर अचानक अंजना ने देवेंद्र और उनकी पत्नी के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज कराया है। सभी से स्वपनिल ने देवेंद्र के माध्यम से पैसा लिया था। लगभग सभी पीड़ित देवेंद्र के रिश्तेदार हैं। इसलिए पैसा उन्हीं को दिया गया था।
पटवारी की बेटी से भी हुई ठगी
शहर के एक पटवारी के जरिए देवेंद्र की स्वप्निल से मुलाकात हुई थी। स्वप्निल ने पटवारी की बेटी को भी सरकारी नौकरी का झांसा दिया था। उनका भी फर्जी चयन सूची जारी कर दिया था। उस युवती की भी नौकरी नहीं लगी है। पूरे मामले में बड़े रैकेट की आशंका है। फिलहाल सिविल लाइन पुलिस ने स्वप्निल दुबे को भी गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में देवेंद्र और उनकी पत्नी को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। उल्लेखनीय है कि अंजना गहिरवार ने देवेंद्र जोशी और उनकी पत्नी के खिलाफ सिविल लाइन में फूड इंस्पेक्टर बनाने का झांसा देकर 25 लाख की ठगी करने की शिकायत की थी। इस आधार पर सिविल लाइन पुलिस ने देवेंद्र और उनकी पत्नी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। अब उसी मामले में स्वप्निल को भी गिरफ्तार किया है। पूरा मामला डेढ़ करोड़ से ज्यादा की ठगी का है।
प्रशिक्षु आईपीएस अजय कुमार ने कहा कि देवेंद्र की शिकायत आई थी। फिलहाल मामले में देवेंद्र के खिलाफ साक्ष्य मिले हैं। स्वप्निल को भी गिरफ्तार किया गया है।