इसकी तैयारियों में नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारी जुट गए हैं। जानकारी के अनुसार, निकायों के निचले स्तर के अधिकारियों की सबसे पहले सचिव नगरीय प्रशासन विभाग लेंगे। इस दौरान निकायों के कार्यों की विस्तार से समीक्षा की जाएगी।
CG News: बड़े को ज्यादा पैसे, छोटे को कम
नगरीय प्रशासन विभाग ने निकायों के हिसाब से राशि आवंटित की है। साथ ही अलग से प्रस्ताव आने पर भी उस पर विचार कर राशि आवंटित की जा रही है। जानकारी के अनुसार, अब बड़े निकायों को सबसे अधिक राशि प्रदान की जा चुकी है। छोटे निकायों का क्षेत्रफल और वार्डों की संख्या चूंकि छोटा होता है, इसलिए राशि भी कम प्रदान की गई है।
फिर भी निकायों को उनकी जरूरत के हिसाब से नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा राशि जारी की गई है, लेकिन कई निकायों में अभी तक कई कार्य शुरू नहीं हुए है। इसलिए वार्डों के लोगों का गुस्सा वार्ड के पार्षदों पर कभी-कभार उतर जाता है।
सफाई-पानी पर ज्यादा फोकस
बता दें कि नगरीय प्रशासन विभाग के मंत्री अरुण समय समय पर विभाग के कार्यों की समीक्षा करते रहते हैं। वे इस दौरान खासकर निकायों के
अधिकारियों को सबसे ज्यादा सफाई, पानी और अधोसंरचना के कार्यों पर ज्यादा फोकस करने के लिए कहते रहे हैं। अधिकारियों से नियमित रूप से वार्डों के निरीक्षण की नसीहत भी देते रहे हैं, लेकिन अधिकारियों के कानों में जूं तक नहीं रेंगती। कुछ निकायों को छोड़ दें, तो बाकी निकायों के अधिकारी सुबह निरीक्षण के लिए निकलते ही नहीं है।