सीईसी ज्ञानेश कुमार (CEC Gyanesh Kumar) ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950, 1951, मतदाता पंजीकरण नियम 1960, चुनाव संचालन नियम, 1961 और चुनाव आयोग (Election Commission of India) द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों के अनुसार चुनावों का संचालन सुनिश्चित करने के लिए ये प्रशिक्षण कार्यक्रम आवश्यक हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त (Chief Election Commissioner) ने यह भी रेखांकित किया कि प्रशिक्षण के माध्यम से प्रतिभागी आरपी अधिनियम 1950 की धारा 24 (ए) के तहत डीएम/ जिला कलेक्टर/ कार्यकारी मजिस्ट्रेट और धारा 24 (बी) के तहत राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) के साथ प्रकाशित अंतिम मतदाता सूची (Voter List) के खिलाफ पहली और दूसरी अपील के प्रावधानों से स्वयं को लैस करेंगे। उन्होंने बीएलओ और बीएलओ पर्यवेक्षकों (BLO Observers) को अपने क्षेत्र स्तर के सत्यापन के दौरान मतदाताओं को इन प्रावधानों से अवगत कराने के लिए भी प्रोत्साहित किया।
बता दें कि विशेष सारांश पुनरीक्षण (एसएसआर) प्रक्रिया पूरी होने के बाद 6-10 जनवरी 2025 तक छत्तीसगढ़, हरियाणा, मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) और उत्तर प्रदेश से कोई अपील दायर नहीं की गई थी। प्रशिक्षण का उद्देश्य विशेष रूप से मतदाता पंजीकरण, प्रपत्र निगरानी और चुनावी प्रक्रियाओं के क्षेत्र-स्तरीय कार्यान्वयन के क्षेत्रों में प्रतिभागियों के व्यावहारिक ज्ञान में वृद्धि करना है। प्रतिभागियों को आईटी उपकरणों पर व्यावहारिक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इसके साथ ही अधिकारियों को चुनाव का पूर्वाभ्यास सहित ईवीएम (EVM) और वीवीपैट (VVPAT) का तकनीकी प्रदर्शन और प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।