CG Medical Tips: बच्चों में बढ़ रहा मौसमी बीमारियां
बच्चों को ठीक होने में 10 या इससे ज्यादा दिन लग रहा है। निजी अस्पतालों में भी ओपीडी में पैरेंट्स बच्चों को लेकर पहुंच रहे हैं। डॉक्टरों के अनुसार
मौसम संबंधी सीजनल बीमारियां हो तो बच्चों को तत्काल विशेषज्ञ डॉक्टर से इलाज कराएं। केमिस्ट की दुकान से मर्जी से दवा खरीदकर न खिलाएं। ऐसे मामले में ही इंफेक्शन फेफड़ों तक पहुंच रहा है। कुछ मरीजों में निमोनिया के केस भी आ रहे हैं।
राजधानी में दिन का तापमान 29.7 डिग्री व न्यूनतम तापमान 13 डिग्री है। दिन व रात के तापमान में करीब 17 डिग्री का अंतर है। तापमान में यही उतार-चढ़ाव बच्चों को बीमार कर रहा है। दिन गर्म व रातें ठंडी होने से शरीर को तापमान एडजस्ट करने में परेशानी हो रही है। इससे वायरस भी सांस के माध्यम से शरीर में पहुंच रहा है। शहर में धूल भी बढ़ गई है।
कैसे बच्चो को समय में तजिक किया जाए?
खासकर नए साल में खानपान में बदलाव के कारण भी पेट दर्द व लूज मोशन के बढ़े हैं। ये समस्या एक साल की उम्र के बच्चों को है। वहीं 14 साल या इससे बड़े बच्चों में
वायरल फीवर, सूखी खांसी की समस्या बढ़ गई है। डॉक्टरों के अनुसार बच्चों को फेफड़ों के इंफेक्शन से बचाने के लिए समय पर इलाज करना बहुत जरूरी है। इसके अलावा इस मौसम में विशेष देखभाल की जरूरत है। बच्चों के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों का कहना है कि मौसम में उतार-चढ़ाव के दौरान बच्चों को विशेष देखभाल की जरूरत होती है।
इसके अलावा,
समय पर इलाज करना भी बहुत जरूरी है। ताकि बीमारी को समय पर ठीक किया जा सके। दिन व रात के तापमान में काफी अंतर है। यही कारण है कि छोटे बच्चे इसे आसानी से एडजस्ट नहीं कर पाते। खानपान से लेकर रहन-सहन में जरा सी लापरवाही होने पर बच्चे बीमार पड़ रहे हैं। ऐसे में पैरेंट्स को चाहिए कि नवजात से लेकर बड़े बच्चों के खानपान में विशेष ध्यान दें।
घरेलू सावधानियां
घर को नियमित रूप से साफ करें व धूल के कणों को हटाने के लिए वैक्यूम क्लीनर का उपयोग करें। बच्चों को विशेष रूप से तैयार किए गए खाद्य पदार्थ दें, जो उनके लिए उपयुक्त व सुपाच्य हो। बच्चों को पर्याप्त आराम दें, ताकि उनका शरीर स्वस्थ रहे। बच्चों को विशेष रूप से तैयार किए गए कपड़े पहनाएं, जो गर्म रख सके।
स्वास्थ्य संबंधी सावधानियां
यदि बच्चों में फेफड़ों के इंफेक्शन के लक्षण दिखाई दे तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें। बच्चों को विशेषज्ञ
डॉक्टरों के पास ले जाएं, जो उनका बेहतर इलाज कर सकते हैं। बच्चों को समय पर वैक्सीनेशन कराएं, जो उन्हें फेफड़ों के इंफेक्शन से बचा सकता है।
इमरजेंसी में क्या करें
बच्चे को तत्काल अस्पताल या क्लीनिक ले जाएं।
बच्चों की स्थिति गंभीर है, तो एंबुलेंस को बुलाएं। सांस नहीं ले पा रहा है तो सीपीआर देने का प्रयास करें।