Vat Savitri 2025: वट सावित्री पूजन के लिए सजा बाजार, बरगद के नीचे आज सुहागिनों का मेला, देखें
Vat Savitri 2025: पौराणिक मान्यता है कि बरगद पेड़ में भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है,। यह पूजन तिथि समाज को पीपल और बरगद के पौधे लगाने के लिए भी प्रेरित करती हैं।
सुहागिनें आज व्रत रखकर वटवृक्ष की पूजा-अर्चना करेंगी। यह प्रमुख व्रतों में से एक है। बूढ़ेश्वर महादेव के सामने, मठ-मंदिरों में बरगद पेड़ के नीचे माता सावित्री की कथा सुनेंगी और वटवृक्ष में कच्चा सूत बांधकर परिक्रमा कर सदा सौभाग्यवती का आशीर्वाद मांगेंगी।
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इस पर्व को वट सावित्री कहा जाता है। इसमें विवाहित महिलाएं अपने पति के अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं और बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं और कथा का श्रवण करती हैं।
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बरगद पेड़ में भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है,। यह पूजन तिथि समाज को पीपल और बरगद के पौधे लगाने के लिए भी प्रेरित करती हैं।
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माताएं इस दिन मौली धागा बरगद पेड़ में बांधकर परिक्रमा करेंगी और भगवान से सुखमय जीवन, सदा सुहागन की कामनाएं करती हैं।
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ऐसा माना जाता है कि सत्यवान का शव वट वृक्ष के नीचे रखकर सावित्री ने पूजन अर्चन की थी, तब उनके पति का जिंदा होने का वरदान मिला।
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माता सावित्री ने अपने पति सत्यवान को यमराज के चंगुल से जीवित कराया था। सत्यवान का शव वट वृक्ष के नीचे रखकर माता सावित्री ने पूजन-अर्चन की थी।