इस वजह से लिए गया फैसला
अध्यक्ष डॉ.सलीम राज के पास विगत दिनों कुछ शिकायतें प्राप्त हुई थी कि किसी एक इमाम/मौलाना ने निकाह पढ़ाने के लिए 5100 रुपए की मांग की थी, नहीं देने पर निकाह पढ़ाने से इनकार कर दिया और वहां से चले गए थे। इस प्रकार की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए डॉ.राज ने यह आदेश जारी किया है कि अब प्रदेश भर के इमाम, मौलाना निकाह पढ़ाने के लिए 11 सौ रूपए से अधिक नहीं ले सकेंगे। कार्रवाई की जाएगी
इस्लाम में शरीयत का भी यह हुक्म है कि निकाह को आसान करें। पूरे
प्रदेश में लगभग 800 से अधिक इमाम और मौलाना है जो निकाह पढ़ाने का काम करते हैं, यदि किसी इमाम या मौलाना द्वारा इस आदेश का उल्लंघन किया जाता है या किसी के विरूद्ध इस प्रकार की कोई शिकायत मिलती है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
क्या कहा सलीम राज ने
सलीम राज ने कहा कि, यह फरमान जारी करने का मुख्य उद्देश्य यह है कि समाज के अति पिछड़ा वर्ग और गरीब वर्ग के लोग को सहूलियत दी जाए। एक गरीब परिवार के लिए 5100 रुपये बहुत महत्व रखता है। उसे कमाने में बड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। इस फरमान से समाज में जो एक विसंगती पैदा हो गई थी वह दूर होगी और गरीब परिवार के लोगों को निकाह पढ़ाने के लिए कोई बड़ी रकम नजराना नहीं देना होगा।