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छत्तीसगढ़ में मानसून की धमाकेदार एंट्री, टूटा पिछले 100 साल का रिकॉर्ड, 29 जिलों में तेज बारिश की चेतावनी इसलिए अगले दो-तीन दिन दंतेवाड़ा में अच्छी बारिश हो सकती है। मानसून की घोषणा दिल्ली से होती है इसलिए मौसम विज्ञान केंद्र रायपुर के अधिकारी इसमें कुछ नहीं कर सकते। हालांकि लोकल स्टेशन डायरेक्टर या प्रभारी की सहमति के बिना किसी भी प्रदेश में मानसून की घोषणा नहीं की जा सकती। वीसी के माध्यम से मौसम केंद्र से जुड़े अधिकारियों को जोड़ा जाता है।
आपसी सहमति होने पर ही मानसून आने की खबर दी जाती है। दूसरा कारण ये भी है कि आंध्रप्रदेश के आदिलाबाद, ओडिशा के रायगड़ा में
मानसून आ गया है। इस सीधी रेखा में दंतेवाड़ा पड़ा होगा इसलिए भी मानसून की घोषणा कर दी जाती है। हालांकि पहले के डायरेक्टर बिना बारिश मानसून की घोषणा का विरोध करते थे। कई बार हवा की दिशा के अनुसार बिना बारिश मानसून आने की सूचना दी जाती है। इस बार ऐसा ही हुआ है।
21 सालों में 17 बार देरी से आया मानसून छत्तीसगढ़ में पिछले 21 सालों में 17 बार मानसून देरी से पहुंचा है। प्रदेश में मानसून आने की सामान्य तारीख 15 जून है। पिछले 21 सालों का ट्रेंड देखें तो केवल 4 बार समय पर मानसून ने दस्तक दिया है। मौसम विभाग 1 जून से 30 सितंबर तक हुई बारिश को मानसूनी मानता है।
24 घंटे में राजपुर-मालखरौदा तरबतर पिछले 24 घंटे में राजपुर में 8, मालखरौदा में 7, हसौद, कुरुद में 5-5, खड़गांव व पुसौर में 4, छोटेडोंगर, कोरबा, बिलाईगढ़, राजिम, खरसिया, औंधी, सुहेला समेत कई इलाकों में 3-3 सेमी पानी गिरा। इसे पहले वाली प्री मानसून व बाद वाली पोस्ट मानसूनी बारिश होती है।
(वर्षा मिमी में, मौसम विभाग के अनुसार) अमले को किया अलर्ट मानसूनी सीजन में एसडीआरएफ ने विभागीय अमले को अलर्ट किया है। साथ ही नदियों के किनारे और बाढ़ग्रस्त संभावित क्षेत्रों में लगातार निगरानी करने के निर्देश दिए हैं। एसडीआरएफ के एसपी अजात शत्रु ने बताया कि बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। इसके लिए सभी जिलों में कंट्रोल रूम बनाया गया है। साथ ही अमले को 24 घंटे सतर्क रहने के लिए कहा है। इसके पहले ही संसाधनों की खरीदी की गई है।