जारी आदेश के अनुसार, 1320 व्याख्याता, व्याख्याता (एल.बी.) और प्रधान पाठक (माध्यमिक शाला) को पदोन्नत कर प्राचार्य (उच्चतर माध्यमिक विद्यालय) बनाया गया है। इसी तरह 1478 ई-संवर्ग के व्याख्याता, व्याख्याता (एल.बी.) एवं प्रधान पाठक (माध्यमिक शाला) को भी प्राचार्य के पद पर पदोन्नति दी गई है।
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href="https://www.patrika.com/kawardha-news/principals-will-be-appointed-in-2813-schools-19717505" target="_blank" rel="noopener">CG Principal Promotion: प्राचार्यों की पदोन्नति का रास्ता साफ, 2813 पदों पर होगी नियुक्ति…
शिक्षकों में उत्साह और प्रसन्नता का माहौल
शिक्षा विभाग के इस फैसले से राज्यभर में कार्यरत शिक्षकों में हर्ष की लहर है। लंबे समय से लंबित पदोन्नति आदेश जारी होने के बाद शिक्षकों को उनके सेवा काल के अनुसार उच्च पद का लाभ प्राप्त हुआ है। इससे प्रदेश की माध्यमिक शिक्षा व्यवस्था को भी सशक्त आधार मिलने की संभावना है।
प्राचार्यों के प्रमोशन का रास्ता साफ
बता दें कि
हाईकोर्ट ने राज्य शासन की प्रमोशन नीति को सही ठहराते हुए इस मामले में दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया है। कोर्ट के आदेश के बाद प्राचार्य प्रमोशन का रास्ता साफ हो गया है। याचिकाकर्ताओं ने व्याख्याता से प्राचार्य के पद पर बीएड डिग्री धारकों को ही प्रमोशन देने की मांग की थी। जबकि राज्य शासन द्वारा सीनियरिटी के आधार पर गैर बीएड धारकों को भी प्रमोशन दिया जा रहा था।
बता दें कि करीब 15 दिन पहले हाईकोर्ट में 11 से 17 जून के बीच लगातार 4 दिन इस मामले में सुनवाई हुई थी। 17 जून को जस्टिस रजनी दुबे की डिवीजन बेंच ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिस पर मंगलवार को आदेश जारी किया गया। प्राचार्य पदोन्नति फोरम के साथ ही प्रमोशन को लेकर हाईकोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं दायर की गई थी। इसमें बताया गया कि, पहले कोर्ट के आदेश के बावजूद कई शिक्षकों को प्राचार्य पद पर प्रमोशन देकर ज्वॉइन करा दिया गया है।