Raipur: हिंदी के लेखक दिव्य प्रकाश दुबे रविवार को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में थे। वे रायपुर रीडर्स क्लब के आयोजन में पाठकों, किताबों के शौकीन, युवा लेखक और साहित्य प्रेमियों से रूबरू हुए।
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दिव्य प्रकाश ने रायपुर रीडर्स क्लब के आयोजन में कहा कि सोशल मीडिया के 150 लाइक्स से लेखक मत बनो।कहानी तब तक मत पब्लिश करो, जब तक खुद पढऩे का मन न करे। जब तारीफ न मिले, तब भी लिखते रहो। अच्छी कहानी में रचना से ज्यादा अनुभव का असर होता है।
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दिव्य प्रकाश दुबे ने न केवल अपने लेखन के अनुभव साझा किए, बल्कि एक बेहद मजेदार कहानी सुनाकर श्रोताओं को ठहाकों में डुबो दिया। उन्होंने कहा कि लव स्टोरी वही लिख सकता है जिसकी खुद की कोई लव स्टोरी न हो। खालीपन ही असली ईंधन है।
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कहानी की रचना प्रक्रिया पर दिव्य प्रकाश ने चुटकी लेते हुए कहा, दिसम्बर जंक्शन के आखिरी चार पन्ने मैंने पहले लिखे थे, फिर बाकी कहानी गढ़ी। कार्यक्रम में श्रोताओं ने उनसे कई दिलचस्प सवाल पूछे, जिनका उन्होंने पूरी ईमानदारी और हंसमुख अंदाज में उत्तर दिया।
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आयोजन को सफल बनाने में रायपुर रीडर्स क्लब की संस्थापक ऐश्वर्या राठौर, सक्रिय सदस्य अक्षत लाखे और तुषार पटेल की भूमिका रही। कार्यक्रम के अंत में बुक साइनिंग सेशन आयोजित किया गया, जिसमें पाठकों ने अपनी पसंदीदा किताबों पर लेखक से हस्ताक्षर करवाए और उनसे व्यक्तिगत मुलाकात की।
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रायपुर रीडर्स क्लब का यह आयोजन न केवल शहर की साहित्यिक चेतना को नई दिशा देने वाला रहा, बल्कि यह साबित किया कि रायपुर जैसे शहरों में भी पढ़ने और लिखने को लेकर गहरी रुचि और उत्साह है।