मुख्यमंत्री साय ने इस फैसले को समाज में वैमनस्य फैलाने वाला कांग्रेस का सोचा-समझा षड्यंत्र बताया है। उन्होंने कहा, अदालतें पहले भी धर्म आधारित आरक्षण को असंवैधानिक करार दे चुकी हैं, इसलिए यह फैसला भी न्यायिक समीक्षा में नहीं टिक पाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस यह जानते हुए भी सिर्फ वोटबैंक की राजनीति के लिए वंचित वर्गों के अधिकारों के साथ खिलवाड़ कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी से कहा, वे इस असंवैधानिक फैसले को तुरंत वापस लेने के लिए कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को निर्देश दें। उन्होंने कहा, यह आदिवासियों, दलितों और वंचित समाज के साथ अन्याय है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इतिहास आपको माफ नहीं करेगा
मुख्यमंत्री साय ने कांग्रेस अध्यक्ष खरगे पर निशाना साधते हुए कहा, खरगे खुद वंचित समाज से आते हैं, फिर भी सोनिया गांधी और राहुल गांधी के बहकावे में आकर अपने ही समाज के खिलाफ साजिश का हिस्सा बन रहे हैं।
उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा, ’’चेत जाइए खरगे , इतिहास आपको माफ नहीं करेगा।’’ बता दें, कर्नाटक सरकार के इस फैसले के खिलाफ पहले ही कई संगठन और विपक्षी दल विरोध जता चुके हैं। अब
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की कड़ी आपत्ति के बाद यह मुद्दा और गरमा गया है।