देवशयनी एकादशी पर्व आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इसे हरि शयनी एकादशी (Hari Shayani Ekadashi), देवशयनी एकादशी अथवा आषाढ़ी एकादशी (Ashadhi Ekadashi) के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन श्रद्धालु व्रत, उपवास एवं भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना कर लोककल्याण की कामना करते हैं। पुराणों के अनुसार देवशयनी एकादशी से ही भगवान विष्णु क्षीरसागर में शेषनाग की शैया पर योगनिद्रा में चले जाते हैं और चार मास पश्चात प्रबोधिनी एकादशी (Prabodhini Ekadashi) के दिन जाग्रत होते हैं। इसी कारण इस अवधि में धार्मिक साधना एवं आत्मचिंतन का विशेष महत्व बताया गया है। सीएम साय ने सभी नागरिकों से आग्रह किया कि वे इस अवसर पर सद्भाव, संयम और सदाचार का पालन करते हुए जनकल्याण और आत्मकल्याण के पथ पर आगे बढ़ें।