संभाग के सात जिलों में था पेपर
उज्जैन संभाग के अंतर्गत आने वाले सातों जिले, जिनमें खुद उज्जैन, रतलाम, देवास, आगर-मालवा, शाजापुर, मंदसौर, और नीमच शामिल है। इन सातों जिलों में विक्रम यूनिवर्सिटी से मान्यता प्राप्त कॉलेजों में आज बीए सेकंड ईयर का पेपर था। ये पेपर सुबह 11 बजे से 02 बजे के बीच होना था। लेकिन, एग्जाम शुरु होने से पहले जब छात्रों को क्वेश्चन पेपर थमाया गया तो अधिकतर बच्चे उस क्वेश्चन पेपर को देखकर दंग रह गए। क्योंकि, सेक्शनवाइज क्वेश्चन पेपर देने के बजाए यूनिवर्सिटी ने सभी छात्रों को एक ही पेपर थमा दिया था। विरोध व्यक्त किया
पीएम एक्सीलेंस कॉलेज की छात्रा कृष्णा कुमारी यादव के अनुसार एग्जाम हॉल में जब हमें हमारे सेक्शन से अगल पेपर प्रतीत हुआ तो हमने इसका शिकायत की तो उन्होंने भी इतने गंभीर विषय पर हल्के मन प्रतिक्रिया देते हुए कहा- ‘जो मन में आए लिख दो, अगर गाना लिख सको तो वो लिख दो। लेकिन, कॉपी खाली मत छोड़ना। ये बात जब छात्रों को कुछ हजम नहीं हुई तो उन्होंने भी खाली पेपर छोड़कर अपना विरोध व्यक्त किया और अप घरों को लौट गए।
तीन बार बदली तारीख
यूनिवर्सिटी की ओर से बीए सेकंड ईयर का लंबे इंतजार के बाद अंग्रेजी साहित्य का पेपर होना था। यूनिवर्सिटी द्वारा पहले ये पेपर 16 मई 2025 को होना था, जिसे निरस्त कर ये पेपर 2 जून को होना तय किया गया, लेकिन अचानक पेपर की तारीख में फिर बदलाव कर उसे 4 जून तय किया था। लंबे इंतजार के बाद जैसे-तैसे ये पेपर होना था तो यूनिवर्सिटी की ओर से परीक्षार्थियों को गलन पेपर थमा दिया।
यह की गलती
बच्चों के अनुसार सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक अंग्रेजी साहित्य में इलेक्टिव, मेजर टू माइनर का पेपर था। इसमें अलग-अलग पेपर देना थे, लेकिन सभी को मेजर वन का पेपर दे दिया गया इसके पूर्व पहले यह पेपर 16 मई को था, आगे बढ़ाकर पहले 2 जून व बाद में 4 जुन किया गया।
हम आंदोलन करेंगे
इस गड़बड़ी को हमने गंभीरता से लिया है। इस मामले में पहले आग्रह के साथ ज्ञापन दे रहे है। एक सप्ताह में निर्णय नहीं होता है तो आंदोलन किया जाएगा।- बिनोद सीरोही, जिला संगठन मंत्री, एबीवीपी
आज ज्ञापन दे रहे
यह गंभीर मामला है। पूर्व में भी बच्चों को शून्य नंबर देने का कारनामा विश्वविद्यालय ने कर दिखाया है। हम शुक्रवार को ज्ञापन देने जा रहे है। बच्र्चों के भविष्य से खिलवाड़ किसी भी हालात में नहीं होने दिया जाएगा। – देवेंद्र सिंह सेजावता, अध्यक्ष एनएसयूआई, रतलाम ग्रामीण
लिखित में लिया गया
बच्चों ने शिकायत की है। उनसे लिखित में लेकर विश्व विद्यालय भेजा गया है। अंतिम निर्णय वहां से होना है। गाना लिखकर कहने की बात की शिकायत नहीं मिली है। – प्रो बायके मिश्रा, प्राचार्य पीएम एक्सीलेंस कॉलेज रतलाम