इंदौर के सूर्यदेव नगर निवासी ललित कुमार पिता धर्मवीर सिंह (30) ने जीआरपी इंदौर को बताया कि वे पत्नी शिवांगी चौहान व बच्चों के साथ नईदिल्ली-इंदौर ट्रेन से कोच बी-2 में बर्थ क्रमांक 21 व 22 पर मथुरा से 12 जून को इंदौर आ रहे थे। यात्रा के दौरान पत्नी ने अपना लेडीज पर्स अपनी बर्थ 21 पर रखा और हम सो गए थे। समय सुबह 5.39 बजे ससुर ने कॉल किया और बताया कि शिवांगी का कॉल बंद आ रहा है। तब लेडीज पर्स चैक किया तो वह सीट पर नहीं था।
नहीं मिला तब भी पर्स पत्नी को बताया और आसपास तलाश किया तो वह नहीं मिला। पर्स के अंदर एक मोबाइल, नगदी 1000 रुपए, आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, दो एटीएम, पत्नी की दो बैंक पासबुक, बच्चे की गले की चांदी की चेन आदि सामान रखा हुआ था। इसी दौरान रतलाम रेलवे स्टेशन आ गया था और हमें इंदौर आना था इसलिए रतलाम में रिपोर्ट नहीं की। अब जाकर वे दोनों जीआरपी इंदौर पहुंचे और केस दर्ज कराया। जीआरपी ने यह केस रतलाम जीआरपी भेज दिया है।
पहले भी हो चुकी चोरी यह पहली बार नहीं है जब ट्रेन में इस प्रकार से पर्स चोरी की घटना हुई हो। इसके पूर्व भी ट्रेन में कई बार चोरी की घटनाएं हुई है। पूर्व में गुजरात व मध्यप्रदेश रेल पुलिस ने इस प्रकार की चोरी की घटना पर काबू पाने के लिए संयुक्त अभियान चलाने का दावा किया था, लेकिन कुछ समय बाद इस प्रकार का अभियान चलने के बाद बंद हो गया। जीआरपी ही नहीं, आरपीएफ भी कई ट्रेन में रहती है, लेकिन उनको भी अब तक चाेरों की बड़ी गैंग को पकड़ने में सफलता नहीं मिली है।