दरअसल, रतलाम जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर बाजना निवासी बाइक सवार दो युवकों को एक तेज रफ्तार यात्री बस से टक्कर के बाद घटना स्थल पर मौत हो गई थी। खास बात ये थी इस घटना के बाद खुद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ट्वीट कर हादसे पर शोक संवेदनाएं व्यक्त करते हुए मृतक के परिवार को 2-2 लाख की आर्थिक सहायता दी है।
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हालांकि, हादसे के बाद बस संचालक के खिलाफ कार्रवाई में पुलिस पर उदासीन रवैय्ये का आरोप लगाते हुए मृतकों के परिजन के साथ साथ स्थानीय ग्रामीण आक्रोशित हो गए थे। उन्होंने बाजना बस स्टैंड चौराहे पर बस संचालक की दुकान के सामने शव रखकर चक्काजाम कर आसपास के सभी रास्ते बंद कर दिए गए। इस दौरान कुछ ग्रामीणों ने तो हाथों में डंडे लेकर बाजार के साथ साथ मुख्य इलाकों की दुकानें बंद करवा दीं।
समझौते की बात नहीं बनी, इसलिए बिगड़े हालात
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मृतकों के परिजन आदिवासी आपसी समझौता करने को इच्छुक तो थे, लेकिन समझौते के लिए उन्होंने 50 लाख रूपए की डिमांड रख दी थी। लेकिन समझौते की रकम बहुत ज्यादा होने के कारण मामला सुलझ नहीं पाया। यह भी पढ़ें- Annual Exam Time Table : स्कूलों का एनुअल एग्जाम टाइम टेबल जारी, यहां देखें कब किस क्लास में होंगे एग्जाम आदिवासी नेता समेत 11 पर केस दर्ज
देर रात को एक बार फिर बवाल के हालात बने तो आदिवासियों ने पुलिस पर ही पथराव कर दिया। पथराव में एसडीओपी नीलम बघेल, थाना प्रभारी के साथ साथ 9 पुलिसकर्मी घायल हो गए। वहीं, पुलिस ने 11 के खिलाफ मामला दर्ज कर 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस सूत्रों की माने तो घटना के बाद आक्रोश शांत को गया था, लेकिन इसे आदिवासी नेता विलेश खराड़ी ने एक वीडियो जारी कर उकसाया है। फिलहाल, सभी घायलों उपचार के लिए जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहांसभी की हालत खतरे से बाहर है।