मंगलवार रात 11.41 बजे पत्रिका टीम खेल परिसर के बाजू में स्थित शराब दुकान पहुंची तो वहां एक युवक शटर के पास खड़ा दिखा। वहीं दुकान की शटर के बीच में होल भी दिखा, जिससे रुपए लेकर शराब की बोतलें दी जा रहीं थीं। युवक के कहने पर गद्दीदार अंदर से आया और उससे एक बियर बोतल के 290 रुपए मांगे, जबकि युवक का कहना था कि कुछ देर पहले उसने वही बियर 270 रुपए में खरीदी थी। इसके बाद एक ग्राहक ने बियर की केन मांगी, जिसके बदले में गद्दीदार ने 200 रुपए लिए, जब उससे बात की तो पीछे से आया शराब दुकान का कर्मचारी बोला कि इतने में ही मिलेगी। बियर की केन पर जब रेट देखे तो उसमें एमआरपी 160 रुपए लिखी हुई थी।
– हर दिन ओवर रेट से लाखों की कमाई
शराब दुकानों पर ओवर रेट का भी खेल चल रहा है, जहां एमआरपी के बाद 10 से लेकर 25 प्रतिशत ज्यादा रुपए लिए जा रहे हैं। यह स्थिति पूरे जिले की बताई जा रही है। जिले की कुल 104 कम्पोजिट शराब दुकान पर प्रतिदिन औसत एक लाख रुपए की भी बिक्री मान लें तो 1.04 करोड़ रुपए होता है। इस हिसाब से 10 प्रतिशत ओवर रेट में भी हर रोज 10 लाख रुपए से ज्यादा की काली कमाई की जा रही है।
– सवाल पूछने पर भड़कीं सहायक आयुक्त
शराब दुकानों पर चल रही इन अनियमिततओं को लेकर जब आबकारी विभाग की सहायक आयुक्त कीर्ति दुबे से बात करना चाही तो वह भड़क गईं। उनका कहना था कि वह किसी भी सवाल का जवाब नहीं दे सकतीं। यदि कोई जानकारी चाहिए या अन्य कोई बात करनी है तो कार्यालयीन समय में ऑफिस आकर बात करें।