पत्रिका सर्वे
सवाल-1- कटरा बाजार की यातायात व्यवस्था को लेकर क्या आप संतुष्ट हैं? – हां ठीक है- 3.50 प्रतिशत – नहीं- 16.30 प्रतिशत – बिलकुल भी नहीं- 80.20 प्रतिशत सवाल-2- अव्यवस्था के लिए आप किसे जिम्मेदार मानते हैं? – जनप्रतिनिधि/ अधिकारी- 47.60 प्रतिशत – दुकानदार- 12.10 प्रतिशत – पथविक्रेता व हाथ ठेला- 40.30 प्रतिशत सवाल-3- यातायात व्यवस्था को कैसे सुधारा जा सकता है?
– पथ विक्रेता व हाथ ठेला वालों को विस्थापित करके- 44.35 प्रतिशत – पार्किंग की व्यवस्था बनाकर- 50.15 प्रतिशत – पुलिस बल तैनात करके- 5.50 प्रतिशत सवाल-4- सबसे ज्यादा समस्या आम दिनों में कब होती है?
– सुबह- 0.90 प्रतिशत – दोपहर- 30.05 प्रतिशत – शाम 4 से रात 10 बजे तक- 69 प्रतिशत ———————
कटरा बाजार के व्यापारी बोले
ऑटो रिक्शा से फैलती है अव्यवस्था
शहर भर से कटरा पहुंचने वाले ऑटो रिक्शा व चैम्पियन वाहनों के कारण सड़कों पर जाम लगता है। ऑटो-रिक्शा रोककर सवारियां बैठाने लगते हैं। सबसे ज्यादा अव्यवस्था मस्जिद से कीर्ति स्तंभ वाले मार्ग पर है। यहां पर पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाना चाहिए और दिन भर चलने वाली वसूली रोकी जानी चाहिए। – राकेश बजाज, कपड़ा व्यापारी
पार्किंग व्यवस्था पुख्ता चाहिए
कटरा बाजार में पार्किंग व्यवस्था पुख्ता होनी चाहिए। हाथ ठेला व पथ विक्रेता दुकान के बाहर बैठ जाते हैं। इसके बाद ऑटो रिक्शा खड़े हो जाते हैं। लाखों-करोड़ों रुपए की लागत लगाने वाले दुकानदार के पास तक ग्राहक नहीं पहुंचते हैं क्योंकि उन्हें वाहन खड़े करने जगह नहीं मिलती। – अमित बैसाखिया, कपड़ा व्यापारी
सड़कों पर तुरंत हो जाता है अतिक्रमण
सड़कों पर फल व सब्जी के हाथ ठेला नगर निगम और पुलिस की टीम के पहुंचते ही गायब हो जाते हैं, लेकिन जैसे ही टीम वापस लौटती है तो पूरे कटरा बाजार में सड़कों पर फिर से अतिक्रमण हो जाता है। पुलिस की टीम पहुंचने पर हाथ ठेले वाले दौड़ लगाते हैं, इससे दुर्घटना की आशंका बढ़ती है। इस समस्या का स्थाई हल निकाला जाना चाहिए। – मनीष नायक, किराना व्यापारी
दुकानों का नहीं निकल रहा किराया
हाथ ठेले पर व्यापार चलाने वाले लाखों रुपए का कारोबार कर रहे हैं। एक परिवार के लोग फुटपाथ पर 5-5 दुकानें लगा रहे हैं, वहीं जो व्यापारी किराए से दुकान लेकर व्यापार कर रहा है उसका किराया भी नहीं निकल रहा है। फुटपाथ पर इतने अधिक व्यापारियों की दुकानें लग जाती हैं कि हमारी दुकानें नजर भी नहीं आती है। वर्षों से समस्या का हल नहीं हो रहा है। – संजय लाटसाहब, कपड़ा व्यापारी