जिला अस्पताल के स्टाफ की यह व्यवस्था-
जिला अस्पताल में कार्यरत जो स्टाफ चिकित्सा शिक्षा की पात्रता रखता है उसे बीएमसी के रिक्त पदों पर समायोजित किया जाएगा। गैर शैक्षणिक चिकित्सा संवर्ग के डॉक्टर्स को प्रति नियुक्ति पर पदस्थ करने का विकल्प दिया जाएगा, जो सहमति नहीं रखते उन्हें चिकित्सा अधिकारी का विकल्प दिया जाएगा। जो डॉक्टर्स कोई विकल्प नहीं लेते उन्हें विभाग के अन्य संस्थानों में स्थानांतरित किया जाएगा। वहीं गैर चिकित्सकीय संवर्ग का स्टाफ उनके वर्तमान सेवा नियमों के तहत कार्य करेगा।
…तो 1100 हो जाएगी मरीज के बेड की संख्या-
बीएमसी में अभी 750 तो जिला अस्पताल में भी 350 बेड हैं। दोनों परिसर एक होने पर बेड की संख्या 1100 हो जाएगी। बेड की संख्या बढऩे का फायदा मरीजों को तो होगा ही साथ में 250 यूजी सीटों के अनुसार ही बड़ी अस्पताल हो जाएगी और एनएमसी की उस गाइड लाइन के अनुसार पर्याप्त इंफ्रास्ट्रेक्चर होगा। प्रबंधन यूजी-पीजी सीटें बढ़ाने एनएमसी टीम को सागर बुला सकता है। सुपरस्पेशलिटी व्यवस्थाओं जैसे क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल, कैंसर अस्पताल, कैथलैब के लिए प्रबंधन के पास पर्याप्त जगह होगी। -विगत दिन मर्जर के आदेश आ गए हैं, जिला अस्पताल परिसर मिलने से बीएमसी के विस्तार के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध होंगे। हमें यूजी-पीजी सीटें बढ़ानें के लिए पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर मिल गया है। इंफ्रास्ट्रक्चर पर्याप्त होने के कारण राज्य सरकार से 250 यूजी सीटों के हिसाब से स्टाफ की भर्ती की अनुमति भी मिल जाएगी।
डॉ. पीएस ठाकुर, डीन बीएमसी।