2022 में लगे थे आरोप
विशेष लोक अभियोजक गुलाब सिंह और सहायक शासकीय अधिवक्ता सुशील यादव के अनुसार थाना मिर्जापुर क्षेत्र की रहने वाली एक महिला ने 21 जून 2022 को पूर्व बसपा एमएलसी महमूद अली पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। पीड़ित महिला ने बताया था कि वह हाजी इकबाल के घर पर काम किया करती थी। इसी दौरान महमूद अली ने उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया। इतना ही नहीं महिला ने पुलिस को यह भी बताया कि उसकी नाबालिक बेटी से पूर्व बसपा एमएलसी हाजी इकबाल के तीन बेटों अफजाल, आलीशन और जावेद ने छेड़छाड़ की।
वीडयो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े महमूद अली
कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए दोनों पक्षों के वकीलों को सुना। सहायक शासकीय अधिवक्ता के अनुसार साबूतों और गवाहों की गावाही के आधार पर अदालत ने महमूद अली और उनके तीनों भतीजों को दोषी मना। महमूद अली को दुष्कर्म के मामले में दोषी मानते हुए अदालत ने 12 साल करावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही पांच लाख रुपये आर्थिक दंड भी लगाया। इसके साथ ही उनके तीनों भतीजों को नाबालिग से छेड़छाड़ मामले में दोषी पाते हुए पांच पांच साल करावास की सजा सुनाई। यह मामला दो साल 10 दिन तक अदालत में चला। एमपी एमएलए कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान एमएलसी महमूद अली को सहारनपुर जेल से चित्रकूट जेल भेज दिया गया था। जब सजा सुनाई गई तो महमूद अली के तीनों भतीजे अदालत में मौजूद थे जबकि महमूद अली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चित्रकूट जेल से जुड़े हुए थे।
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