सरकारी स्कूलों को नहीं मिले एडमिशन तो जागा विभाग
जिले में बिना मान्यता के स्कूल चल रहे थे। इससे भी अधिक हैरान कर देने वाली बात ये है कि शिक्षा विभाग की नजर इन स्कूलों पर इसलिए पड़ी क्योंकि सरकारी स्कूलों में एडमिशन नहीं आ रहे थे। अपने एडमिशन के टारगेट पूरे करने के लिए विभागीय अधिकारियों की नजर इन स्कूलों पर पड़ी। यानी साफ है कि अगर सरकारी स्कूलों को एडमिशन मिल जाते तो इन स्कूलों पर शायद ही विभागीय अधिकारियों की नजर पड़ती। उच्च प्राथमिक विद्यालयों में गिरते एडमिशन ग्राफ को देखते हुए बेसिक शिक्षा विभाग ( Basic Education ) ने बगैर मान्यता संचालित हो रहे स्कूलों के खिलाफ अभियान शुरू किया है।
मान्यता कक्षा पांच तक और एडमिशन 12 तक
बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से फिलहाल 15 स्कूलों को नोटिस दिए गए हैं। यह आकड़ा सिर्फ नागल ब्लाक क्षेत्र का है। इससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि पूरे जिले में कितने स्कूल बगैर मान्यता के संचालित हो रहे होंगे। विभाग ने जो नोटिस दिए हैं उनमें शिक्षा के अधिकार के कानून के तहत सरकार की नई गाइडलाइन के अनुसार कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। शिक्षा विभाग के अफसरों की माने तो पड़ताल में ऐसी स्कूलों के नाम सामने आए हैं जिनकी मान्यता सिर्फ पांचवी तक ही है और वह 12वी तक के बच्चों क एडमिशन अपने यहां कर रहे हैं। खंड शिक्षा अधिकारी बिजेंद्र बालियान ने बताया कि ब्लाक क्षेत्र में कुल 171 स्कूल और मदरसे संचालित हो रहे हैं। इनमें से जो भी नियमों का पालन नहीं कर रहे उन सभी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।