scriptRanthambore: फिर ना हो जाए बड़ा हादसा, त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग बाघ-बाघिन का मूवमेंट, श्रद्धालुओं में दहशत, सांभर का किया शिकार | Movement of tiger and tigress on the Trinetra Ganesh temple route of Ranthambore | Patrika News
सवाई माधोपुर

Ranthambore: फिर ना हो जाए बड़ा हादसा, त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग बाघ-बाघिन का मूवमेंट, श्रद्धालुओं में दहशत, सांभर का किया शिकार

Ranthambore National Park: त्रिनेत्र गणेश मंदिर के पास बाघिन रिद्धी के सांभर का शिकार करने के बाद वन विभाग ने एहतियात के तौर पर निगरानी और ट्रेकिंग के लिए वन कर्मियों को तैनात किया है।

सवाई माधोपुरApr 27, 2025 / 07:30 pm

Rakesh Mishra

Ranthambore National Park
राजस्थान में सवाईमाधोपुर जिले के रणथंभौर के त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग पर बाघ की हलचल देखे जाने से श्रद्धालु भयभीत हैं। बाघ के हमले से एक किशोर की मौत के बाद इस मार्ग पर कई दिनों तक आवागमन पर पाबंदी के बाद वन विभाग की ओर से त्रिनेत्र गणेश मंदिर में श्रद्धालुओं को प्रवेश की अनुमति दी गई थी, लेकिन यहां खतरा लगातार बना हुआ है।

बाघिन की गतिविधियां दिखीं

वन विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एक बार फिर त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग पर बाघिन की गतिविधियां देखी गईं हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार रणथम्भौर दुर्ग में पिछले दो दिनों से लगातार बाघिन देखी जा रही है। रविवार सुबह बाघिन रिद्धी ने त्रिनेत्र गणेश मंदिर के जनरेटर के पास एक सांभर का शिकार किया। फिलहाल उसके शावक भी आस पास ही देखे गए हैं। त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग पर सिंह द्वार के पास‌ भी एक अन्य बाघ देखा गया है।

श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर खतरा

फिलहाल सिंहद्वार पर कौन सा बाघ देखा गया है, इसकी पुष्टि वन विभाग ने नहीं की है, लेकिन इस इलाके में 17 बाघ-बाघिन और शावकों की आवाजाही होने से श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर खतरा बना हुआ है। बाघ, बाघिन और शावकों की यहां मौजूदगी के मद्देनजर किसी अनहोनी की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता है। हालांकि वन विभाग की ओर से श्रद्धालुओं की सुरक्षा के इंतजाम भी किए गए हैं।

छतरी वाला मार्ग बंद

बताया गया है कि त्रिनेत्र गणेश मंदिर के पास बाघिन रिद्धी के सांभर का शिकार करने के बाद वन विभाग ने एहतियात के तौर पर निगरानी और ट्रेकिंग के लिए वन कर्मियों को तैनात किया है। वन विभाग छतरी वाले मार्ग को बंद करके अन्य मार्ग से श्रद्धालुओं को त्रिनेत्र गणेश मंदिर तक भेज रहा है।
दूसरी तरफ श्रद्धालुओं का आरोप है कि वन विभाग की ओर से आनन फानन में बिना सुरक्षा और निगरानी के माकूल प्रबंध किए बिना ही त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग और मंदिर को एक बार फिर खोल दिया गया है, जबकि बाघ-बाघिन और अन्य वन्यजीवों की हलचल दुर्ग और उसके आसपास के क्षेत्र में देखी जा रही है।

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