अब तक इनकी हुई शूटिंग
जिले में रणथम्भौर व आसपास के क्षेत्रों में अब तक चार फिल्मों व दो धारावाहिकोंं की शूटिंग की जा चुकी है। इनमें 2003 में संजयदत्त व उर्मिला मंतेडकऱ अभिनीत फिल्म दौड़, 2017 में सैफ अली खान की कप्तान, 2000 में धारावाहिक टीपू सुल्तान व एक अन्य धारावाहिक के दृश्य भी यहां फिल्माए जा चुके हैं।रिलीज ही नहीं हो पाई एक थी रानी ऐसी भी
शेरपुर व रणथम्भौर व आसपास के क्षेत्रों में 2010 में हेमा मालिनी व विनोद खन्ना अभिनीत एक थी रानी ऐसी भी फिल्म की शूटिंग भी की गई थी। इसमें हेमा मालिनी ने राजनीतिज्ञ का किरदार निभाया था। हालांकि यह फिल्म विवादों के कारण अब तक रिलीज नहीं हो पाई है।एलबम के गानों की भी हुई शूटिंग
इसके अतिरिक्त रणथम्भौर दुर्ग व रामसिंहपुरा स्थित राजीव गांधी क्षेत्रीय प्राकृतिक संग्रहालय में एलबम के गानों की शूटिंग भी हो चुकी है। पूर्व में धुम्रपान को दुष्प्रभावों को लेकर एक एलबम को यूट्यूब पर रिलीज किया गया था। इसकी शूटिंग संग्रहालय में भी की गई थी।वन्यजीवों की डॉक्यूमेंट्री पर भी हो रहा काम
इसके अतिरिक्त रणथम्भौर के बाघ बाघिनों पर भी डॉक्यूमेंट्री का निर्माण किया जा रहा है। पूर्व में भी मछली पर नल्ला मुत्थु ने दा मोस्ट फेमस टाइगर मछली ने 40 मिनट की डॉक्यूमेंट्री बनाई थी। इस डॉक्यूमेंट्री को अब तक 147 देशों में प्रदर्शित किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त रणथम्भौर की बाघिन कृष्णा पर भी डॉक्यूमेंट्री बनाई जा रही है।विशेषज्ञों की मानें तो रणथम्भौर में बाघ बाघिनोंं की साइटिंग अन्य टाइगर रिजर्व की तुलना में सहजता से होती है। इसके चलते यहां डॉक्यूमेंट्री का निर्माण अधिक किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त जंगल व कई किले व दुर्ग होने के कारण यह फिल्म मेकरों की पहली पसंद है।
फिर न हो जाए रणथंभौर जैसी हृदयविदारक घटना, यहां घूम रहे हैं 10 से अधिक बाघ-बाघि
न इनका कहना है…रणथम्भौर प्राकृतिक सुंदरता का भण्डार है। यहां अब तक चार फिल्मों की शूटिंग की गई है। साथ ही रणथम्भौर दुर्ग का ऐतिहासिक दुर्ग का महत्व है। बड़े शहरों से आसानी से कनेक्टिविटी के कारण रणथम्भौर व जिले में फिल्म शूटिंग के लिए पंसद किया जा रहा है।
-मधुसूदन सिंह, सहायक निदेशक, पर्यटन, सवाईमाधोपुर।