वे अपने लिए 20 लाख रुपए की कार ले आए। इस मामले में शिकायतकर्ता की शिकायत पर सीईओ ने सरपंच-सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन सदस्यीय जांच दल गठित कर जांच के आदेश दे दिए है।
अधिकारियों से की गई शिकायत
पंचायत में धरातल पर विकास कार्य नहीं होने पर शिकायतकर्ता ने साक्ष्यों के साथ लिखित शिकायत स्थानीय प्रशासन के साथ वरिष्ठ अधिकारियों को दी है। बताया गया है कि चिलवानी पंचायत में 11 निर्माण कार्य स्वीकृत कराए गए जिसमें से एक भी ऐसा स्थान नहीं है जहां सरपंच-सचिव ने काम कराया हो। यही वजह है कि, पंचायत का विकास तो केवल कागजों तक सिमट कर रह गया है।पंचायत में होने से यह काम
11 लाख की लागत से आंगनबाड़ी भवन होना था लेकिन 6 लाख की राशि निकाल ली। उचित मूल्य की दुकान पर टीनशैड होना था लेकिन पूरी राशि निकाल ली गई। आदिवासी बस्ती में चबूतरा के डेढ़ लाख, जाटव बस्ती में चबूतरा के लिए 1 लाख, रपटा निर्माण कार्य के नाम पर आठ लाख, सिद्ध खोह के पास रपटा निर्माण के नाम पर नौ लाख, बाइसराम के खेत के पास रपटा के नाम पर 6 लाख, हेमराज के खेत के पास रपटा निर्माण कार्य में 15 लाख रुपए एवं बाउंड्रीवॉल व अन्य विकास कार्यों के नाम पर राशि का आहरण कर ली है, जबकि धरातल पर कार्य शून्य है। ये भी पढ़ें: 24 प्लॉट, 604 फ्लैट और 59 दुकानों के खुलेंगे टेंडर, आइडीए बेचेगा संपत्ति
ललित मोहन शर्मा, शिकायतकर्ता का कहना है कि पंचायत में विकास कार्यों की राशि को हजम करने की नियत से गबन कर लिया है, जबकि धरातल पर कोई भी कार्य नजर नहीं आ रहा है। इसलिए साक्ष्यों के मैंने वरिष्ठ अधिकारियों को लिखित में शिकायत की है। शिकायत के बाद सरपंच-सचिव पर जांच भी बिठा दी गई है।
ललित मोहन शर्मा, शिकायतकर्ता का कहना है कि पंचायत में विकास कार्यों की राशि को हजम करने की नियत से गबन कर लिया है, जबकि धरातल पर कोई भी कार्य नजर नहीं आ रहा है। इसलिए साक्ष्यों के मैंने वरिष्ठ अधिकारियों को लिखित में शिकायत की है। शिकायत के बाद सरपंच-सचिव पर जांच भी बिठा दी गई है।