दरअसल, माधव टाइगर रिजर्व 375 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। इसका इको-सेंसिटिव जोन शहरी इलाके से 100 मीटर और गांवों से दो किलोमीटर तक का इलाका आता है। जिसमें शिवपुरी, करेरा और नरवर तहसील के 64 गांव आते हैं।
कलेक्टर रवींद्र कुमार चौधरी ने बैठक में कहा कि इको-सेंसिटिव जोन से किसी को विस्थापित नहीं किया जाएगा। सिर्फ यहां पर कुछ गतिविधियों पर रोक होगी। जैसे कि खनन, क्रेशर, ईंट के भट्टे और प्रदूषण फैलाने वाले उद्योग नहीं लग सकेंगे। बैठक में पटवारी सहित कई अधिकारी मौजूद रहे। सभी को 64 गांवों की स्थिति की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा गया है। इस कदम से वन्यजीव और ग्रामीण दोनों सुरक्षित रह सकेंगे।