ऐसे हुआ खुलासा
आईटीबीपी में एसटी आरक्षण का फायदा उठाकर भर्ती होने वाले गुर्जर युवक के हावभाव और भाषा की शैली देखकर अफसरों को शक हो गया। इसके बाद दस्तावेजों की जांच में पता चला कि उसने गांव पता बदलकर चकरा गांव कर दिया था। शक होने पर आईटीबीपी मुख्यालय से कलेक्टर को जांच के लिए रिपोर्ट भेजी गई।
10 बीघा की लालच में हुआ सारा खेल
मामले में यह भी सामने आया है कि 9 साल पहले हरी सिंह यूपी के आगरा आलू खोदने के लिए गया था। इस दौरान उसकी मुलाकात भूरा गुर्जर से हुई थी। उसने 10 बीघा जमीने देने का लालच देकर 8वीं की मार्कशीट, जाति प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र ले लिया
दोनों के आधार नंबर अलग-अलग
यह भी जांच में सामने आया है कि असली और नकली हरी सिंह के आधार नंबर अलग-अलग हैं, लेकिन नाम और एड्रेस एक जैसे ही हैं। भूरा गुर्जर के माता-पिता के आधार कार्ड अलग-अलग नंबरों के साथ मिले हैं। पूरा मामले की जांच रिपोर्ट आईटीबीपी मुख्यालय को सौंप दी गई है। आरोपी के खिलाफ कानूनी के साथ विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी।