आरक्षक भर्ती फर्जीवाड़े में कई उम्मीदवारों द्वारा लिखित परीक्षा से पहले अपने आधार कार्ड में कई बार अपडेट कराने की बात सामने आई है। फोटो और बॉयोमेट्रिक में बदलाव कराकर लिखित परीक्षा दी और इसके बाद फिर से आधार कार्ड में असली फोटो अपडेट करा लिया।
यह भी पढ़ें : एमपी के प्रमुख विभाग में बड़ा फेरबदल, ढाई दर्जन से ज्यादा वरिष्ठ अफसरों को हटाया चयन सूची जारी होने पर दस्तावेजों के सत्यापन में फर्जीवाड़ा उजागर हुआ। सत्यापन में लिखित परीक्षा के आवेदन में लगे फोटो और वर्तमान फोटो में अंतर पाया गया। इसके साथ ही कई उम्मीदवारों की हैंडराइटिंग में भी अंतर मिला। जांच में यह स्पष्ट हो गया कि लिखित परीक्षा असल उम्मीदवार की बजाए किसी और ने दी थी।
सतनवाड़ा पुलिस इस केस में 6 उम्मीदवारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर चुकी है। सभी आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 419 IPC व परीक्षा अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है।
शिवपुरी पुलिस ने ग्वालियर के अंकेश रावत को गिरफ्तार किया
मामले में शनिवार को शिवपुरी पुलिस ने ग्वालियर के करहिया थाना के जतरथी के रहनेवाले आरोपी अंकेश रावत को गिरफ्तार किया। 23 साल के अंकेश को जिला कोर्ट में प्रस्तुत किया गया जहां से उसे जेल भेज दिया गया। पुलिस इससे पहले भितरवार थाना के धर्मेन्द्र गुर्जर को गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस की जांच में यह बात भी सामने आई कि जुलाई 2023 में आधार अपडेट कर फर्जी परीक्षार्थी का फोटो जोड़ा गया था। 16 अगस्त से 15 सितंबर के बीच परीक्षा दी गई। पता चला है कि अंकेश रावत ने छतरपुर के राजकुमार पासवान के माध्यम से आधार अपडेट कर सॉल्वर की व्यवस्था की थी। धर्मेन्द्र गुर्जर के लिए ग्वालियर के मुकेश गुर्जर ने सॉल्वर ढूंढा था। अंकेश रावत ने 7 लाख रुपए और धर्मेन्द्र गुर्जर ने 5 लाख रुपए दिए थे।