भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक पुलिस डॉ. रविप्रकाश मेहरडा ने बताया कि स्पेशल यूनिट-द्वितीय एसीबी जयपुर को परिवादी द्वारा शिकायत दी गई थी।परिवादी ने बताया कि पर्यवेक्षण अधिकारी द्वारा मासिक बन्धी के रूप में प्रतिमाह रिश्वत राशि तथा उसका इच्छित स्थान पर स्थानान्तरण करवाने के नाम पर आरोपी डॉ. दीपक अग्रवाल रिश्वत राशि की मांग कर परेशान कर रहा है। एसीबी जयपुर के उपमहानिरीक्षक अनिल कयाल के सुपरविजन में एएसपी महावीर प्रसाद के नेतृत्व में शिकायत का सत्यापन किया गया। उन्होंने अपनी टीम के साथ ट्रेप किया। उन्होंने बताया कि आरोपी संयुक्त निदेशक दीपक अग्रवाल करीब एक साल पहले धोद के वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी के पद पर लगा था। सूत्राें ने बताया कि आरोपी राजनीतिक रसूख का फायदा उठाकर सीकर जिले में पद विरुद्ध संयुक्त निदेशक के पद पर नियुक्त हुआ था। करीब एक साल से आरोपी दीपक अग्रवाल लगातार विभाग के कर्मचारियों से अवैध वसूली कर रहा था। शनिवार को श्री कल्याण कन्या महाविद्यालय, सिल्वर जुबली रोड के सामने सुख सागर अपार्टमेंट की पार्किंग में 25 हजार रुपए की रिश्वत लेते आरोपी दीपक अग्रवाल को रंगे हाथों एसीबी ने धर दबोचा। उसके हाथ धुलाए तो उन पर नोटों पर लगाया रंग उतर गया।
कारण बताओ नोटिस देकर वेतन रुकवा देता था –
कार्मिकों को परेशान कर उनकी रजिस्टर में अनुपस्थिति लगाकर कारण बताओ नोटिस जारी करता था। इसके आधार पर वह कार्मिकों का वेतन रुकवा देता था। वेतन दिलवाने व हर माह पूरी उपस्थिति दिखाने की एवज में वह सभी कार्मिकों से रिश्वत लेता था। वह अपनी राजनीतिक पहुंच की भी धमकी देता था और कर्मचारियों को कहता था कि वह उन्हें दूर-दराज के जिलों में तबादला करवा देगा। ऐसे में बहुत से कार्मिक उससे डरने लग गए थे और इसी कारण उसे हर माह बंधी के रूप में रिश्वत देने लगे थे।
करीब 25 कार्मिकों का तबादला करवा बनाया अपना खौफ-
एसीबी के अधिकारियों ने बताया कि आरोपी संयुक्त निदेशक डॉ. दीपक अग्रवाल ने अपने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल कर सीकर में कार्यरत करीब 25 कर्मचारियों का सीमावर्ती इलाकों में तबादला करवा दिया था। ऐसे में परेशान एक कर्मचारी ने एसीबी में शिकायत की। आरोपी ने शिकायतकर्ता से 5 महीने की बंधी के नाम पर 50 हजार रुपए की मांग की थी। आखिर में आरोपी ने पीड़ित से 25 हजार रुपए लेना तय किया। एसीबी ने और शिकायत का सत्यापन कर लिया था। आरोपी के रुपए लेने से पहले बातचीत का सारा घटनाक्रम रिकॉर्ड कर लिया था।