scriptकोरोना ने छीने मां-बाप, मंदिर की सीढ़ियों पर भूख से जूझते मासूम, सिस्टम बना मूक दर्शक, अब आगे आए पूर्व मुख्यमंत्री | Child welfare: Innocents struggling with hunger on the steps of the temple, the system became a mute spectator, now the former Chief Minister came forward | Patrika News
सीकर

कोरोना ने छीने मां-बाप, मंदिर की सीढ़ियों पर भूख से जूझते मासूम, सिस्टम बना मूक दर्शक, अब आगे आए पूर्व मुख्यमंत्री

Emotional Story: कोरोना ने छीने मां-बाप, सरकार ने छीन ली उम्मीद, नन्हें हाथों में किताबें होनी थीं, अब कटोरा लिए मांग रहे भीख, सरकारी दावों की खुली पोल, अनाथ बच्चे भूख से बेहाल, जिम्मेदार चुप, मासूम लाचार – दो भाई-बहन की दर्दभरी दास्तां।

सीकरJun 07, 2025 / 10:57 am

rajesh dixit

सोर्स: सोशल मीडिया एक्स

सोर्स: सोशल मीडिया एक्स

Hunger Crisis: जयपुर। सीकर जिले से आई एक हृदयविदारक खबर ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। राजस्थान पत्रिका की रिपोर्ट के अनुसार, मंडावा के रहने वाले नौ वर्षीय रोहित और छह वर्षीय जोनी ने कोरोना महामारी में अपने माता-पिता को खो दिया। अब वे दोनों मासूम मंदिरों में भीख मांगकर गुजारा करने को मजबूर हैं। न तो कोई सरकारी मदद मिल रही है, न ही कोई स्थायी देखभाल का प्रबंध। बच्चों के पास न रहने की उचित व्यवस्था है, न ही शिक्षा का कोई सहारा।
इस समाचार पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया पर तीखी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा सरकार जरूरतमंद अनाथ बालकों को सामाजिक सुरक्षा नहीं दे पा रही जिससे यह मासूम भीख मांगने को मजबूर हैं। लगभग हर योजना की ऐसी ही स्थिति बन गई है। कांग्रेस सरकार के दौरान कोविड से अनाथ हुए बच्चों के लिए मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना चलाई गई।
इस योजना अन्तर्गत प्रत्येक अनाथ बच्चों को तत्कालिक सहायता के रूप में राशि रूपए 1.00 लाख की एकमुश्त सहायता, 18 वर्ष की आयु तक राशि रूपए 2500/- प्रतिमाह एवं राशि रूपए 2000/- वार्षिक देय है। इसके अलावा प्रत्‍येक अनाथ बच्‍चे के लिए पालनहार योजना में 5 वर्ष की आयु तक के बच्‍चे के लिए 500 रूपये प्रतिमाह की दर से तथा स्‍कूल में प्रवेशित होने के बाद 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने तक 1000 रूपये प्रतिमाह की राशि देय है। जिला कलेक्टर, सीकर इन बच्चों को इन दोनों योजनाओं में से नियमानुसार लाभ दिलवाना सुनिश्चित करें।

यह भी पढ़ें

Rajasthan IT Hub: राजस्थान के इस जिले में बन रहा है चौथा आईटी पार्क, युवाओं को मिलेगा रोजगार का नया मंच

गहलोत ने सीकर जिला कलेक्टर से अनुरोध किया कि इन दोनों बच्चों को इन योजनाओं का नियमानुसार शीघ्र लाभ दिलवाया जाए ताकि ये मासूम भूख और अपमान से मुक्ति पा सकें।

यह भी पढ़ें

Digital Services: राजस्थान में प्रमाण पत्र सेवाएं हुईं और आसान,अब व्हाट्सएप पर भी मिलेंगे जन्म, मृत्यु और विवाह प्रमाण पत्र

Hindi News / Sikar / कोरोना ने छीने मां-बाप, मंदिर की सीढ़ियों पर भूख से जूझते मासूम, सिस्टम बना मूक दर्शक, अब आगे आए पूर्व मुख्यमंत्री

ट्रेंडिंग वीडियो