जयपुर रोड के व्यापारियों का कहना है कि यूआईटी की ओर से रामू का बास तिराहा से लेकर कृषि उपज मंडी सीकर तक ग्रीन कॉरिडोर बनाने के नाम पर गहरे गड्डे करके पत्थरों की दीवारें बना दी गई है। ऐसे में पिछले छह माह से जयपुर रोड का व्यापार चौपट हो गया है। सभी व्यापारी परेशान हैं। इसको लेकर गुरुवार को व्यापारियों ने विरोध प्रदर्शन कर विरोध स्वरूप पूरा बाजार बंद रखा। व्यापारियों ने दुकानें नहीं खोलीं। व्यापारियों ने बताया कि सरकार, जिला प्रशासन, यूआईटी को व्यापारियों की बात भी सुननी चाहिए, जिससे उनका व्यापार चौपट नहीं हो सके।
यूआईटी जयपुर रोड को 150 फीट कर रही-
यूआईटी की ओर से जयपुर रोड को 150 फीट चौड़ा करने के लिए अधिकांश दुकानदारों को अतिक्रमण के नोटिस दिया है। नोटिस में लिखा गया है कि सीकर के नगरीय क्षेत्र के लिए तैयार किए गए मास्टर प्लान-2031 व संशोधित मास्टर प्लान का अनुमोदन 2021 को किया गया था। यूआईटी ने नोटिस दिया है। नोटिस में लिखा है कि सड़क चौड़ी करने, सर्विस रोड बनाने, फुटपाथ बनाने, डवलपमेंट करने सहित अन्य कार्य किया जा रहा है।
व्यापारी बोले रोजगार पर संकट, करोड़ों का नुकसान हो रहा-
व्यापारी ताराचंद गोरा, लीलाधर, मनीष कुमार का कहना है कि सरकार सेंटर से दोनों ओर 75 फुट तक सड़क चौड़ी करना चाह रही है। इससे 90 प्रतिशत दुकानें, शोरूम, होटल आदि टूट रहे हैं। व्यापारियों की मांग है कि सेंटर से 70 फुट तक ही रोड चौड़ी की जाए, जिससे दुकाने नहीं टूटेंगी और व्यापारियों का करोड़ों रुपए का नुकसान होने से बच जाएगा। वहीं काम भी प्रभावित नहीं होगा। दुकानदारों का कहना है कि जयपुर रोड पर सबसे ज्यादा ऑटोमोबाइल का व्यवसाय है। शोरूम, रिपेयरिंग कारखाने, मिस्त्री की दुकानें, होटल, कारों की एसेसिरीज वाले सहित ऑटो पार्ट्स की दुकानें हैं। व्यापारियों ने दुकानें व कारखाने नहीं तोड़ने को लेकर कलक्टर को ज्ञापन दिया है। ज्ञापन देने का वालों में व्यापारी मनोहर शर्मा, जयचंद बुरडक, सांवरमल, ताराचंद गोरा, लीलाधर, विजेंद्र खीचड़, नागरमल, सुनील खीचड़, डॉ. जितेंद्र खीचड़, धर्मवीर खीचड़, विनोद खीचड़, इमरान मिस्त्री, नवरंग जांगिड़, रामेश्वर ढाका, ताराचंद खीचड़, सहित अन्य व्यापारी मौजूद रहे।