Sikar: विवाहिता से सामूहिक बलात्कार के दो अभियुक्तों को मिली 20 साल की सजा, विदेश रहता था पति
पीड़िता को डरा-धमकाकर नेहरू पार्क की ओर ले जाकर गाड़ी में बलात्कार किया। लाडनूं में रिश्तेदार के घर पर रखा और उसे अपनी पत्नी बताकर रात में फिर दुष्कर्म किया।
Rajasthan Gang Rape Case: अपर सेशन न्यायालय क्रम संख्या-1 ने 12 साल पुराने सामुहिक दुष्कर्म के मामले में शुक्रवार को दो अभियुक्तों को 20- साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। न्यायाधीश महेंद्र प्रताप बेनीवाल ने फैसले में सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि ’इस तरह के अपराध से महिला की मर्यादा और सम्मान को गहरी ठेस पहुंची है, और समाज में सामूहिक बलात्कार जैसे अपराधों की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए आरोपियों के प्रति कोई नरमी नहीं बरती जा सकती। सामूहिक बलात्कार जैसे अपराधों में उत्तरोत्तर वृद्धि हो रही है, ऐसे में न्यायालय का दायित्व है कि समाज को सत संदेश दिया जाए।
अपर लोक अभियोजक रामवतार शर्मा ने बताया कि पीड़िता ने 25 अगस्त 2012 को मामला दर्ज करवाया था। इसमें बताया था कि उसका पति विदेश में रहता था और वह ससुराल में अकेली थी। उनके पास एक गाड़ी थी जिसका ड्राइवर शहजाद था। मामला दर्ज होने से तीन साल पहले अभियुक्त शहजाद ने पीड़िता को डरा-धमकाकर नेहरू पार्क की ओर ले जाकर गाड़ी में बलात्कार किया। लाडनूं में रिश्तेदार के घर पर रखा और उसे अपनी पत्नी बताकर रात में फिर दुष्कर्म किया। वहां पहले से लगे कैमरे में उनकी अश्लील तस्वीरें रिकॉर्ड हो गई थी।
ब्लैकमेलिंग कर कई बार सामूहिक दुष्कर्म
अभियुक्त शहजाद ने इन तस्वीरों का इस्तेमाल कर पीड़िता को ब्लैकमेल कर बार-बार दुष्कर्म किया। बाद में वह अश्लील तस्वीरों वाला मेमोरी कार्ड साथी हनीफ और ईसाक खां को देकर विदेश चला गया। हनीफ और ईसाक ने भी तस्वीरों के दम पर पीड़िता को डराया और सीकर व सालासर ले जाकर कई बार गैंगरेप किया। हनीफ ने पीड़िता से 30 हजार रुपए मंगवाए। शहजाद ने सोने-चांदी के आभूषण भी छीन लिए।
अश्लील तस्वीरें कर दी थी वायरल
तीनों आरोपियों ने पीड़िता को फोन पर धमकी दी कि वह उनके लिए तीन लड़कियों की व्यवस्था करे, वरना अश्लील तस्वीरें वायरल कर देंगे। पीड़िता ने साफ मना कर दिया और कहा कि वह मरना पसंद करेगी, लेकिन ऐसा नहीं करेगी। इसके बाद आरोपियों ने पीड़िता की अश्लील तस्वीरें गांव वालों और इंटरनेट पर वायरल कर दी।
सुनवाई के दौरान न्यायालय में नौ से अधिक दस्तावेज और 23 गवाह पेश किए गए। न्यायाधीश ने अभियुक्त मोहमद इशाक पुत्र इलाही बश, शहजाद अली पुत्र आलम खां को 20- साल के कठोर कारावास व 20-20 हजार रुपए की सजा सुनाई है। इस मामले में एक अभियुक्त हनीफ को 2016 में 20 साल का कठोर कारावास की सजा हो चुकी है। मामले में परिवादी की ओर से पैरवी एडवोकेट महेश कुमार पटेल ने की।