तिथि क्षय से गणगौर 31 को, भरेगा मेला
पंडित मिश्रा ने बताया कि इस बार 31 मार्च को द्वितीया तिथि सुबह 9:12 मिनट तक रहेगी। इसके बाद तृतीया तिथि शुरू हो जाएगी। ये एक अप्रैल को सुबह 5 बजकर 42 मिनट तक रहेगी। ऐसे में गणगौर द्वितीया युक्त तृतीया में 31 मार्च को ही मनाया जाएगा। सांस्कृतिक मंडल के मंत्री जानकीप्रसाद इंदौरिया ने बताया कि गणगौर की सवारी शाम पांच बजे रघुनाथजी के मंदिर से रवाना होगी, जो शहर के विभिन्न मार्गों से होती हुई रामलीला मैदान पहुंचेगी। यहां मेले का आयोजन होगा।
बन रहे कई संयोग
नवरात्रि पर कई संयोग बन रहे हैं। पंडित मिश्रा ने बताया कि नवरात्रि स्थापना इस बार रेवती नक्षत्र में होगी। इसके साथ ऐंद्र और प्रवर्धमान योग भी रहेगा। मान्यता है कि इसी दिन भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की थी। इस मौके पर मीन राशि में पंचग्रही योग का संयोग भी बनेगा। ये विशेष फलदायी है।
अष्टमी 5, रामनवमी 6 को
नवरात्रि की अष्टमी पांच व रामनवमी छह अप्रैल को मनाई जाएगी। इस दौरान घरों में कन्या पूजन व भोजन का कार्यक्रम होगा। रामनवमी पर राम मंदिरों में प्रागट्योत्सव सहित शाम को शहर में शोभायात्रा निकाली जाएगी। घट स्थापना का मुहूर्त
— सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त: सुबह 6.24 से 7.07 बजे तक।
— चर, लाभ, अमृत का चौघड़िया और अभिजित मुहूर्त : सुबह 7.56 से दोपहर 12.31 बजे तक।