बता दें कि अब बदलते दौर में नीट परीक्षा में शामिल होने वाले ज्यादातर अभ्यर्थियों की ओर से अंग्रेजी भाषा को चुना जा रहा है। नीट में भाषा बदलकर शामिल होने वाले अभ्यर्थियों ने बताया कि अंग्रेजी भाषा में कई टॉपिक को समझने के साथ उत्तर देने में काफी आसानी रहती है।
क्या कहना है अभ्यर्थियों का
वहीं, कई अभ्यर्थियों का कहना है कि अंग्रेजी भाषा में अन्य भाषाओं के मुकाबले स्टडी मैटर काफी सहजता से ऑनलाइन और ऑफलाइन मिल जाता है। इस वजह से 12वीं कक्षा तक हिंदी माध्यम में पढ़ाई करने वाले कई युवा नीट परीक्षा में अपनी भाषा बदल लेते हैं।
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ऐसे बढ़ती गई संख्या
-वर्ष 2019 में अंग्रेजी भाषा से 12,04,968 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी, जबकि हिंदी भाषा से परीक्षा में 1,79,857 छात्र-छात्रा शामिल हुए।
-वर्ष 2021 की बात करें तो अंग्रेजी भाषा से 12,65,520 और हिंदी भाषा से 2,28,441 छात्र-छात्रा शामिल हुए।
-इस साल उर्दू भाषा चुनकर परीक्षा में 1,822 छात्र-छात्रा शामिल हुए।
ये रही भाषावार अभ्यर्थियों की संख्या
अंग्रेजी- 18,22,410
हिंदी- 3,28,634
आसामी- 2,478
बंगाली- 38,242
गुजराती- 53,025
मराठी- 927
पंजाबी- 170
तमिल- 26,580
तेलगू- 907
उर्दू- 943
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क्या कहते हैं टॉपिक एक्सपर्ट
नीट परीक्षा की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों की पहली पंसद अंग्रेजी और दूसरे नंबर पर हिंदी आती है। ऐसे में संभावना है कि आगामी कुछ सालों में दूसरी भाषाओं से परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थियों की संख्या में इजाफा हो। हिंदी भाषा से शामिल होने वाले युवाओं की ओर से लगातार टॉप रैंक भी हासिल की जा रही है।
-शंकर बगड़िया, कॅरियर काउंसलर (सीकर)