कांग्रेस, माकपा, अभिभाषक संघ सहित कई सामाजिक संगठनों ने नए साल से सीकर संभाग व नीमकाथाना जिले के बड़े स्तर पर आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया है। पिछली सरकार के समय सीकर को जयपुर संभाग से हटाकर चार जिलों के साथ सीकर को संभाग बनाया गया था।
भाजपा ने सत्ता में आते ही नए जिलों व संभागों की समीक्षा का काम शुरू कर दिया था। इधर, नीमकाथाना जिला रद्द होने से लोगों में मायूसी दिखी। वहीं भाजपा नेताओं का कहना है कि विकसित राजस्थान की परिकल्पना के लिए सरकार ने आर्थिक पक्ष को ध्यान में रखकर फैसला लिया है।
अब फिर से शेखावाटी दो संभागों में
सीकर संभाग के रद्द होने के साथ ही अब पुरानी व्यवस्था लागू रहेगी। सीकर व झुंझुनूं जिले अब पहले की तरह जयपुर संभाग में शामिल होंगे। जबकि चूरू जिला पहले की तरह बीकानेर संभाग में शामिल होगा।
ये हैं तीन कारण
1. लोकसभा व विधानसभा परिणाम लोकसभा चुनाव में भाजपा को शेखावाटी में तीनों सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था। सीकर में इंडिया गठबंधन व चूरू व झुंझुनूं जिले में कांग्रेस प्रत्याशियों की जीत हुई थी। वहीं विधानसभा चुनाव में भी सीकर, चूरू व झुंझुनूं जिले में भाजपा को उमीदों के हिसाब से सीट नहीं मिल सकी। कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनाव से लेकर सीकर को संभाग का दर्जा देकर सियासी मास्टर स्ट्रोक लगाया था। कांग्रेस के मास्टर स्ट्रोक पर भाजपा ने अब संभाग का दर्जा वापस लेकर प्रहार किया है। 2.वित्तीय संसाधन सरकार ने नए संभाग व जिलों की समीक्षा में माना कि नए संभागों से सरकार पर काफी वित्तिय भार बढ़ेगा। ऐसे में सरकार ने सीकर संभाग का दर्जा वापस ले लिया है। इसके अलावा नीमकाथाना जिले को वापस सीकर में शामिल किया है।
3.विरोध को बनाया हथियार सरकार ने नीमकाथाना जिले को वापस सीकर में शामिल करने पर खेतड़ी के लोगों के विरोध को वजह बताया है। वहीं सीकर संभाग को समाप्त करने में झुंझुनूं व चूरू जिले के कुछ क्षेत्र के लोगों के विरोध को हथियार बनाया गया।